Friday, 23 August 2019

जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम |

जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम |
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम ||

माखन ब्रज में एक चुरावे, एक बेर के खावे |
प्रेम भाव से भरे अनोखे, दोनों के है काम ||

एक कंस पापी को मारे, एक दुष्ट रावण संहारे |
दोनों दीन के दुःख हरत है, दोनों बल के धाम ||

एक ह्रदय में प्रेम बढावे, एक ताप संताप मिटावे |
दोनों सुख के सागर है, और दोनों पूरण काम ||

एक राधिका के संग राजे, एक जानकी संग बिराजे |
चाहे सीता-राम कहो, या बोलो राधे-श्याम ||

Wednesday, 21 August 2019

नाथ सखा पाहू नयनी हा नाथ सखा पाहू

नाथ सखा पाहू
नयनी हा नाथ सखा पाहू ll धृ ll

भवभयहारक, दुःख निवारक
जन उद्धारक , भक्तापालक
शरण त्यास जाऊ  ll 1ll

ब्रम्हा विष्णु आणि महेश्वर
रूप घेउनि आले भुवर
लोक म्हणती त्या सौदागर
शरण त्यास जाऊ ll2ll

माझे माझे म्हनूनी सारे
व्यर्थ धरितसा हाव कशा रे
ज्योतिर्लिंग हा नित्य स्मरा रे
माय बाप भाऊ ll3ll

आज ज्योतिर्लिंग पाहू या चला

आज ज्योतिर्लिंग पाहू या चला
आज केदारलिंग पाहू या चला llधृ ll

वेद शास्त्र अन सर्व पुराणे
वर्णन करिती एक मुखाने
त्रय देवाच्या तेज ज्योतिने
दिव्य अवतार झाला ll1ll

वर्णन करूनी शेष ही थकला
लीन होउनि पदी राहिला
आसन दिधलें श्री नाथाना
तो हा केदारलिंग पाहू या चला ll2ll

हिमालायाचा त्याग करोनि
रत्नागिरीवर आले धाऊनी
दुष्ट राक्षसां संहारोनी
रत्नागिरीवर उभा राहिला ll3ll

युगे युगे अवतार जो घेतो
भक्तांसाठी धावुन येतो
संकटकाली रक्षण करतो
तो हा ज्योतिर्लिंग पाहू या चला ll4ll

राऊळी जाऊन दर्शन घेऊ
ध्यानी मनी ते स्वरूप ठेऊ
क्रमनपदावरी मस्तक ठेऊ
मुखी सदा बोलू चांगभलां ll5ll



Wednesday, 14 August 2019

गुरुवार बृहस्पति आरती

गुरुवार आरती

ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा।
छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बन्धन हारी॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो।
विषय विकार मिटाओ, सन्तन सुखकारी॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे।
जेष्टानन्द बन्द सो सो निश्चय पावे॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा॥

Monday, 12 August 2019

बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके ब्रिज बाला

श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी
रे नाथ नारायण वासुदेवा l

बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके ब्रिज बाला …..2
ग्वाल बाल इक इक से पूछें कहा है मुरली वाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके ब्रिज बाला………2
कोइ ना जाएँ कुंज गली में तुझ बिन कलिया चुनने को ….. कलिया चुनने को

तरस रहे है जमुना के तट धुन मुरली की  सुनने को
अब तो दर्श दिखा दे नटखट  क्यों दुविधा में डाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके ब्रिज बाला ………2

संकट में है आज वो धरती जिस पर तूने  जन्म लिया …..जिस पर तूने  जन्म लिया

पूरा कर दे हो  आज वचन वह् जो गीता में तूने दिया
कोई नहीं है तुझ बिन मोहन भारत का रखवाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके ब्रिज बाला………..2