नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम
दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डम भास्करं भगम l
इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्क लोकगुरु विभुम
त्रीनेत्रं र्त्यक्षरं र्त्यङ्गं त्रिमूर्ती त्रिगतिं शुभम l
पुजा विधी- सुबह स्नान के उपरांत सुर्यदेव को जल अर्पित करे l ताम्बे के लोटे में जल भरकर इसमें
चावल ,फुल डालकर सूर्य अर्ध्य दे l धूप ,दीप से
देवता का पुजन करे ,व्रत करे ,एक समय फलाहार
रखे l
सुर्य से समन्धित चीज़ें ताम्बे का बर्तन ,पीले या लाल
वस्त्र ,गेहूँ ,गुड़ ,माणिक्य ,लाल चन्दन दान करे l
जल अर्पित करके स्तुती मन्त्र का पाठ करे और
शक्ती बुद्धी स्वास्थ्य सम्मान की कामना करे l
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