4. कई बार हम नियमित और रोजमर्रा के काम करने में इतना ज्यादा आदी हो जाते हैं कि दूसरे काम करना और अपने दायरे के बाहर जाना पसंद नहीं करते। इस चक्कर में अवसर आते हैं और निकल जाते हैं। कोई मौका आता है तब उसे पकड़ने के लिए आगे कदम नहीं बढ़ा पाते। हमें भ्रम हो जाता है कि इसके लिए खास तरह की योग्यता और ज्ञान की जरूरत है। हम असहज हो जाते हैं और अवसर निकल जाता है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी आदमी कभी भी किसी अवसर को आजमाने के लिए सौ प्रतिशत तैयार नहीं होता है। सफल व्यक्ति अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलता है, जोखिम लेता है। नई चीजें सीखता है और आगे निकल जाता है।
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