Monday, 15 February 2016

ये जीवन है,इस जीवन का

ये जीवन है, इस जीवन का यही है, यही है, यही है रंगरूप थोड़े ग़म हैं, थोड़ी खुशियाँ यही है, यही है, यही है छाँव धूप ये ना सोचो, इस में अपनी, हार है के जीत है उसे अपना लो जो भी, जीवन की रीत है ये जिद छोड़ो, यूं ना तोड़ो, हर पल इक दर्पण है धन से ना दुनिया से, घर से ना द्वार से साँसों की डोर बंधी है, प्रीतम के प्यार से दुनिया छूटे, पर ना टूटे, ये कैसा बंधन है? Related Videos

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