Saturday, 1 October 2016
श्री शिव जी की आरती
आरती शिवजी की (हिन्दी)
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा,
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
एकानन चतुरानन पंचानन राजे,
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे,
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी,
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे,
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी,
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका,
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा,
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा,
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला,
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
!! काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी,
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा !!
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