Saturday, 1 October 2016
द्वितीय शक्ति।माँ - ब्रम्ह्चारिणी आरती
Hindi
द्वितीय शक्ति ब्रह्मचारिणी
ब्रह्मांड की जन्मदात्री ।
ब्रह्मा जी की शक्ति ।
दूसरी देवी ब्रह्मचारिणी जी की पूजा
यहां ब्रह्म शब्द का अर्थ तपस्या है । ब्रह्मचारिणी अर्थात तप की चारिणी-तप का आचरण करनेवाली । ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरुप पूर्ण ज्योतिर्मय और भव्य है । इनकी उपासना से जीवन के कठिन संघर्षों में भी भक्त का मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता । मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है ।
आरती देवी ब्रह्मचारिणी जी की (हिन्दी में)
जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता ।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता ।।
ब्रह्म जी के मन भाती हो ।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो ।।
ब्रह्म मंत्र है जाप तुम्हारा ।
जिसको जपे सकल संसारा ।।
जय गायत्री वेद की माता ।
जो जन निस दिन तुम्हें ध्याता ।।
कमी कोई रहने ना पाए ।
उसकी विरति रहे ठिकाने ।।
जो तेरी महिमा को जाने ।
रुद्राक्ष की माला ले कर ।।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर ।
आलस छोड़ करे गुणगाना ।।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना ।
ब्रह्मचारिणी तेरो नाम ।
पूर्ण करो सब मेरे काम ।।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी ।
रखना लाज मेरी महतारी ।।
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