Friday, 23 March 2018

दुर्गा सप्तशती सिद्ध मंत्र

दुर्गा सप्तशती के सिद्ध-मंत्र के मंत्र कुछ इस प्रकार है:

आपत्त्ति उद्धारक
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तु ते ॥

भयनिवारक
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तु ते ॥

पापनाशक
हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत्।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥

रोगनाशक
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥

पुत्र प्राप्ति के लिये
देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥

इच्छित फल प्राप्ति
एवं देव्या वरं लब्ध्वा सुरथः क्षत्रियर्षभः

महामारी नाशक
जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तु ते ॥

शक्ति प्राप्ति के लिये
सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तु ते ॥

इच्छित पति प्राप्ति के लिये
ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः ॥

इच्छित पत्नी प्राप्ति के लिये
पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ॥

जय माँ शक्ति की जय

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