मेरी सुन लो मारुती नंदन, काटो मेरे दुःख के बंधन,
हे महाबीर बजरंगी, तुम्हे कहते है दुःख भंजन ।
मुझ पर भी करुणा करना मैं आया शरण तिहारी,
मैं जोड़े हाँथ खड़ा हूँ तेरे दर का बना भिखारी ।
तुम सबसे बड़े भंडारी मैं पानी तुम हो चन्दन,
हे महाबीर बजरंगी तुम्हे कहते है दुःख भंजन ॥
तेरा नाम बड़ा दुनिया में, सब तेरा ही गुण गए,
इस जग के सब नर नारी चरणों में शीश नवाये ।
करो भाव से पार मुझे भी, हे बाबा संकट मोचन,
हे महाबीर बजरंगी तुम्हे कहते है दुःख भंजन ॥
मैंने तेरी आश लगायी, बाबा हनुमान गोसाई,
जब भीड़ पड़ी भक्तो पे तूने ही करी सहाई ।
भक्तो ने करी दुहाई प्रभु दीजो मोहे दर्शन,
हे महाबीर बजरंगी तुम्हे कहते है दुःख भंजन ॥
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