Thursday, 22 November 2018

ओम जय हनुमंत वीरा

ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा
संकट मोचन स्वामी तुम हो रनधीरा ||ॐ जय ||


पवन पुत्र अंजनी सूत महिमा अति भारी
दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सब हारी ||ॐ जय ||


बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो
देवन स्तुति किन्ही तुरतहिं छोड़ दियो ||ॐ जय ||


कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई
अभिमानी बलि मेटयो कीर्ति रही छाई ||ॐ जय ||


जारि लंक सिय-सुधि ले आए, वानर हर्षाये
कारज कठिन सुधारे, रघुबर मन भाये ||ॐ जय ||


शक्ति लगी लक्ष्मण को, भारी सोच भयो
लाय संजीवन बूटी, दुःख सब दूर कियो ||ॐ जय ||


रामहि ले अहिरावण, जब पाताल गयो
ताहि मारी प्रभु लाय, जय जयकार भयो ||ॐ जय ||


राजत मेहंदीपुर में, दर्शन सुखकारी
मंगल और शनिश्चर, मेला है जारी ||ॐ जय ||


श्री बालाजी की आरती, जो कोई नर गावे
कहत इन्द्र हर्षित मनवांछित फल पावे ||ॐ जय 


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