रघुकुल में सूर्य समान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
असुरों के लिए कृशानु हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
गो द्विज महिसुर संतों के हित,
नर तन में प्रगटे त्रिभुवन पति,
नर हो कर भी निर्वाण हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
जो शंकर के सबसे सुख हैं,
वे आज हमारे सन्मुख हैं,
हम भक्त और भगवान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
बिन जाने वाद विवाद हुआ,
छमियेगा जो अपराध हुआ,
करुणानिधि कृपा निधान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
हे सीते शक्ति सदा जय हो,
हे लक्ष्मण शेष सदा जय हो,
सर्वोपरि महा महान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
द्वारा : योगेश तिवारी
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