Sunday, 4 September 2016
गणेश मन्त्र और उसका हिंदी अर्थ
गणेश मंत्र

बचपन से ही हमारे घरों में मंत्रों तथा श्लोकों का उच्चारण आरम्भ हो जाता है। इनमें से कुछ मंत्रों का सुलभ हिन्दी में अनुवाद आपके लिए प्रस्तुत है।
2. वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

आपका एक दांत टूटा हुआ है तथा आप की काया विशाल है और आपकी आभा करोड़ सूर्यों के समान है। मेरे कार्यों में आने वाली बाधाओं को सर्वदा दूर करें।
3. गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजंबूफलचारुभक्षणम् । उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादप

आपका मुख हाथी का है तथा भूतों के गण आपकी सेवा करते हैं, आप अपने मन-भाते फल सेब खाते हैं। आप उमा के पुत्र हैं तथा सारे शोकों का विनाश करने वाले हैं। आपके चर्ण कमलों में प्रणाम।
4. शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥

सभी विघ्नों को हटाने के लिए, श्वेत कपड़े पहने भगवान गणेश का ध्यान करना चाहिए जिनका वर्ण चन्द्रमा का सा है, जिनकी चार भुजाएं हैं, तथा जो प्रसन्न रहते हैं।
5. मूषिकवाहन् मोदकहस्त चामरकर्ण विलम्बित सूत्र । वामनरूप महेश्वरपुत्र विघ्नविनायक पाद नमस्ते ॥

हे भगवान जिनका वाहन चूहा है, जिनके हाथ में मोदक (लड्डू) है, जिनके कान बड़े पन्खों की समान हैं, और जो पवित्र धागा धारण किए हुए हैं। जिनका रूप छोटा तथा जो महेश्वर के पुत्र हैं, जो सभी विघ्नों को हरने वाले हैं, मैं आपके चर्णों में वन्दना करता हूँ।
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