गजवदना, गौरी नंदना रक्षा करो सबकी,
मंगलमय हो जीवन सारा धारा बहे सुख की,
रिद्धि सिद्धि के दाता,तुम हो विद्या के स्वामी।
विघ्न विनाशक एकदंत हो तुम अन्तर्यामी।
चिन्तामणि का करे जो चिन्तन चिंता हरो उसकी॥
हे गजवदना, गौरी नंदना रक्षा करो सबकी।
मंगलमय हो जीवन सारा धारा बहे सुख की॥
विश्वविधाता विश्वविनायक जग के पालनहारे।
नाद ब्रह्म के तुम निर्माता सुर गण तुम पर वारे।
तुम ही प्रेरणा, तुम ही चेतना आस है दर्शन की॥
हे गजवदना, गौरी नंदना रक्षा करो सबकी।
मंगलमय हो जीवन सारा धारा बहे सुख की॥
हे गजवदना, गौरी नंदना रक्षा करो सबकी।
मंगलमय हो जीवन सारा धारा बहे सुख की॥
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