Sunday, 11 November 2018

मंगलकारी अमंगलहारी, गणपति सुन्दर छवि तुम्हारी

मंगलकारी अमंगलहारी, गणपति सुन्दर छवि तुम्हारी

लडुअन का तुम्हे भोग लगायें, प्रथमे गणपति तुम्हे मनाएं 
मूसे की करते हो सवारी, गणपति सुन्दर छवि तुम्हारी

चौड़ा माथा तनी हैं भोयें, दर्शन तेरा मनवा मोहे
तुम्हे निहारें तेरे पुजारी, गणपति सुन्दर छवि तुम्हारी

कंधो पर बालों की छाया, हष्ट पुष्ट है आपकी काया
अधरों पर मुस्कान है भारी, गणपति सुन्दर छवि तुम्हारी

कानो में सोने का वाला, अति सुन्दर है रूप निराला
नैनो में सुरमे की धारी, गणपति सुन्दर छवि तुम्हारी

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