जय श्रीराम जय हनुमान l
राम नाम के हिरे मोती, मैं बिखराऊ गली गली
लूट लो जिसका जी चाहे ,शोर मचाये गली गली ll धृ ll
जिस जिसने ये हिरे लुटे, वो तो मालामाल हुए
धनदौलत के बने दिवाने, वो एक दिन कंगाल हुए
राम और हनुमान के इतिहास सुनाऊ गली गली
लुट लो जिसका जी चाहे, शोर मचाये गली गली ll1 ll
दौलत के दिवाने सून लो एक दिन ऐसा आयेगा
धन यौवन और रूप का चाहत,यही धरा राह जायेगा
सुंदर काया माटी होगी, चर्चा होगी गली गली
लूट लो जिसका जी चाहे , शोर मचाये गली गली ll2ll
जिनको अपना कहकर बंदे, तू इतना इतराता है
छोडेंगे ये सब विपत्ती मे , कोई साथ ना आता है
दो दिन का ये चमन खिला है, मुरझायेगी कली कली
लूट लो जिसका जी चाहे शोर मचाये गली गली ll3ll
झुठे धंदे छोड दे बंदे, जप ले हरी के नाम को
क्यू करता है तेरी मेरी,छोड दे झुठे काम को
तुझे समय ये फिर ना मिलेगा, पछतायेगा घडी घडी
लूट लो जिसका जी चाहे , शोर मचाये गली गली ll4ll
श्रीराम जय राम जय जय राम
श्रीराम जय राम जय जय राम l
जय रघुनंदन जय घनश्याम
पतित पावन सीताराम ll
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