Sunday, 2 October 2016

मधुमेह - कला जीरा और मेथी

प्रयोग. ब्लड शुगर अर्थात मधुमेह को नियंत्रित करना आज एक बहुत बड़ी चुनोती बन गया है, मगर आयुर्वेद और घरेलु ज्ञान इतना प्रबल है के इस पर विश्वास रख कर इसको निरंतर करने से कितना भी प्रबल रोग हो सही होता है. अनेको लोगों ने इनको अपना कर अपनी मधुमेह को नियंत्रित किया है तो अब आपकी बारी है. इसके लिए ज़रूरत है बस निरंतरता और परहेज की. आइये जानते हैं ये रामबाण प्रयोग. सबसे पहले तो मधुमेह रोगियों को अपनी दिनचर्या में दो काम ज़रूर शामिल करने हैं एक है योग और दूसरा है सैर. उसके बाद में ये प्रयोग करने वाला कितना भी पुराना मधुमेह का रोगी हो उसको सफलता मिलेगी. सुबह की सैर। सुबह उठ कर पार्क वगैरह पर घूमने जाइए, जितना गति से आसानी से दौड़ लगा सकते हैं दौड़ ज़रूर लगाये। थोड़ी देर कंकर पत्थर वाली जगह पर नंगे पाँव ज़रूर चले। इस से एक्युपंचर होगा, जो मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। योगा हर रोज़ 15 मिनट कम से कम योग ज़रूर करे, इसमें भी विशेष 5 मिनट मंडूकासन ज़रूर करे। और कपाल भाति, अनुलोम विलोम जैसे प्राणायाम भी ज़रूर करे। मंडूकासन से पैंक्रियास इन्सुलिन का स्त्राव करना शुरू कर देता हैं जिस से शरीर में फैली ग्लूकोस शरीर के सेल्स ग्रहण कर लेते हैं। और शरीर में शुगर का स्तर कंट्रोल होता हैं। [मंडूकासन के लिए आप यहाँ क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।] मधुमेह का रामबाण इलाज मेथी दाना और कलौंजी कलौंजी और मेथीदाना बराबर मात्रा में थोडा दरदरा (दलिये की तरह) पिसवा लीजिये, दोनों को मिला कर एक कांच की बरनी में सुरक्षित संभाल कर रख लीजिये, रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच ये चूर्ण डाल दीजिये, सुबह इस को पानी से अलग कर के चबा चबा कर खा लीजिये और यही पानी घूँट घूँट कर पी लीजिये. किसी भी लेवल पर शुगर हो यह प्रयोग बहुत कारगर है और मात्र 2-3 महीने में मधुमेह को नियंत्रित करने में सक्षम है. इसके बाद आप जो भी अपनी नियमित क्रिया करते हैं वो कीजिये, जो दवा आपकी चलती हो उसको continue रखे। [Click here to read. मधुमेह की रामबाण औषिधि – कलौंजी।]

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