Saturday, 5 December 2015

वास्तू टिप्स घरी मे पूजा स्थल


कैसा हो घर का पूजा स्थल या मंदिर? घर में पूजा स्थल होने से मन को शांति मिलती है और अगर यह वास्तु सम्मत हो तो और भी शुभ फल देता है।
1. घर में पूजा स्थल होना शुभता का परिचायक है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर की पवित्रता भी बनी रहती है। वहीं अगरबत्ती आदि के धुएं से वातावरण सुगंधित रहता है। विषाणु व कीटाणु घर में प्रवेश नहीं करते।
2. पूजा स्थल पूर्वी या उत्तरी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में होना चाहिए। पूजा करने वाले का मुंह पश्चिम में हो तो अति शुभ रहता है। इसके लिए पूजा स्थल का द्वार पूर्व की ओर होना चाहिए।
3. शौचालय तथा पूजा घर पास-पास नहीं होना चाहिए। पूजा स्थल के समक्ष थोड़ा स्थान खुला होना चाहिए जहां आसानी से बैठा जा सके।
4. पूजा स्थल के नीचे कोई भी अग्नि संबंधी वस्तु जैसे- इन्वर्टर या विद्युत मोटर नहीं होना चाहिए। इस स्थान का उपयोग पूजन सामग्री, धार्मिक पुस्तकें, शुभ वस्तुएं रखने में किया जाना चाहिए।
5. पूजन में मूर्तियां अधिक न रखें। इस बात का विशेष ध्यान रहे कि गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती की मूर्तियां खड़ी स्थिति में न हो।
6. पूजा स्थल का उपयोग ध्यान, संध्या या योग के लिए भी किया जा सकता है। इस स्थान को शांत रखें। धीमी रोशनी वाले बल्ब लगाएं। अंधेरा व सीलन न हो। जब भी आपका मन अशांत हो, यहां आकर आप नई ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।

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