Saturday, 5 December 2015

वास्तु टिप्स वास्तुचा पाया 4

मकान की नींव ही उसकी मजबूती का आधार होती है। नींव खुदवाते समय इन बातों पर गौर करें- 1. नींव ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) से खोदनी प्रारंभ करना चाहिए। फिर आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) व वायव्य कोण (पश्चिम-उत्तर) की तरफ नींव खोदनी चाहिए। इसके बाद आग्नेय से नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण) व वायव्य से नैऋत्य की ओर खुदवाना चाहिए। 2. सर्वप्रथम नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण) से आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) व नैऋत्य से वायव्य (पश्चिम-उत्तर) की तरफ नींव भरवाना चाहिए। उसके बाद आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) से ईशान (उत्तर-पूर्व) की तरफ बढ़ते हुए नींव भरवानी चाहिए। 3. प्लींथ के ऊपर यदि दीवारों की मोटाई 25 इंच रखना चाहते हैं तो प्लींथ तक कम से कम दो फुट चौड़ी दीवार बनवानी चाहिए। यदि ऊपर केवल नौ इंच मोटी दीवारें बनवानी हों तो प्लींथ की दीवारों की मोटाई 15 से 18 इंच तक रखी जा सकती है। आपके प्लॉट की प्लींथ उसके आस-पास निर्मित भवनों से अधिक होना चाहिए। इससे हीन भावना आपके घर में प्रवेश नहीं करेगी। 4. यदि प्लॉट के आस-पास मकान नहीं भी बनें हो तो भी प्लींथ पर्याप्त ऊंची रखनी चाहिए ताकि भविष्य में भी आप हीन भावना से ग्रसित न हों।

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