Saturday, 5 December 2015

वास्तू टिप्स डाइनिंग हाँल

कैसा हो डाइनिंग रूम?

वर्तमान समय में डाइनिंग हॉल का चलन बढ़ गया है। पहले भी भोजन कक्ष होते थे किंतु उनका आकार-प्रकार अलग ही होता था। घर में डाइनिंग हॉल होना संपन्नता की निशानी है।
डाइनिंग हॉल बनवाते समय इन बातों का ध्यान रखें-
1. जहां तक संभव हो भोजन कक्ष (डाइनिंग रूम) भवन के पश्चिम अथवा पूर्व में बनवाना चाहिए।
2. भोजन कक्ष के ठीक सामने मुख्य द्वार या शौचालय न हो।
3. भोजन पकाने और भोजन करने में दो विपरीत उर्जाएं काम में आती हैं। इसलिए बेहतर है कि भोजन कक्ष, रसोई घर से अलग ही हो।
4. भोजन कक्ष का फर्श घर के अन्य कमरों के फर्श से नीचा न हो। यदि संभव हो तो रसोई व भोजन कक्ष के फर्श को भवन के शेष फर्श से थोड़ा ऊंचा रखा जा सकता है। इससे हीन भावना नहीं आएगी। जहां तक संभव हो डाइनिंग टेबल आयताकार ही हो।
5. टाण्ड या अलमारी के नीचे बैठकर भोजन नहीं करें। इससे मानसिक दबाव बनेगा, जिसका असर पाचन क्रिया पर पड़ेगा। भोजन कक्ष में हवा व प्रकाश का पर्याप्त प्रबंध होना चाहिए।

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