काली-शाबर रक्षा-मन्त्र
“काली-शाबर रक्षा-मन्त्र

काली काली महा-काली, इन्द्र की बेटी, ब्रह्मा की साली।
पीती भर भर रक्त प्याली, उड़ बैठी पीपल की डाली।
दोनों हाथ बजाए ताली।
जहाँ जाए वज्र की ताली, वहाँ ना आए दुश्मन हाली।
दुहाई कामरो कामाख्या नैना योगिनी की, ईश्वर महादेव गोरा पार्वती की, दुहाई वीर मसान की।।”
विधिः- प्रतिदिन १०८ बार ४० दिन तक जप कर सिद्ध करे। प्रयोग के समय पढ़कर तीन बार जोर से ताली बजाए। जहाँ तक ताली की आवाज जायेगी, दुश्मन का कोई वार या भूत, प्रेत असर नहीं करेगा।
Pukhraj Mewara at Monday, June 22, 2015
No comments:
Post a Comment