Sunday, 4 September 2016

गणपति आरती

आरती गजबदन विनायक की । सुर-मुनि पूजित गणनायक की । एक दन्त शशिभाल गजानन, विघ्न विनाशक शुभ गुण कानन, शिवसुत बन्द्यमान-चतुरानन, दुःख विनाशक सुखदायक की । सुर-मुनि पूजित गणनायक की । ऋद्धि-सिद्धि स्वामी समर्थ अति, विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति, अघ-वन-नहन, अमल अविगत गति, विद्या विनय-विभव नायक की । सुर-मुनि पूजित गणनायक की । पिंगलनयन, विशाल शुण्डधर, धूम्रवर्ण शुचि बज्रांकुश-कर, लम्बोदर बाधा-विपत्ति हर, सुर-वन्दित सब विधिलायक की। सुर-मुनि पूजित गणनायक की।

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