Friday, 18 December 2015
टाइप 2 डाय बिटीज के लिए उपयोगी है हाजीपुर पौधा
टाइप टू डायबिटीज के लिए उपयोगी है यह पौधा
डायबिटीज रोग मुख्य रूप से दो तरह का होता है। पहला है टाइप वन, जिसमें रोगी का शरीर इंसुलिन हॉर्मोन नहीं बनाता है। इसके कारण रोगी को जीवन भर इंजेक्शन या अन्य माध्यम से इंसुलिन लेना पड़ता है। डायबिटीज के करीब 10 फीसदी रोगी टाइप वन से पीड़ित होते हैं।
टाइप टू डायबिटीज के रोगी का शरीर इंसुलिन बनाता है, लेकिन उसकी मात्रा पर्याप्त नहीं होती। ऐसे रोगी को दवा या इंजेक्शन के माध्यम से इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है। इंसुलिन के पौधे के पत्ते का नियमित सेवन से पेनक्रियाज के इंडोक्राइन ग्लैंड (हॉर्मोन बनाने वाली ग्रंथी) के बीटा सेल्स को मजबूती मिलती है। इससे पेनक्रियाज अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाता है और बाहर से दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ती। डायबिटीज के 80 फीसदी रोगी टाइप टू के होते हैं।
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