श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी
रे नाथ नारायण वासुदेवा l
बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके ब्रिज बाला …..2
ग्वाल बाल इक इक से पूछें कहा है मुरली वाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके ब्रिज बाला………2
कोइ ना जाएँ कुंज गली में तुझ बिन कलिया चुनने को ….. कलिया चुनने को
तरस रहे है जमुना के तट धुन मुरली की सुनने को
अब तो दर्श दिखा दे नटखट क्यों दुविधा में डाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके ब्रिज बाला ………2
संकट में है आज वो धरती जिस पर तूने जन्म लिया …..जिस पर तूने जन्म लिया
पूरा कर दे हो आज वचन वह् जो गीता में तूने दिया
कोई नहीं है तुझ बिन मोहन भारत का रखवाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला तेरी राह तके ब्रिज बाला………..2
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