Saturday, 30 January 2016

गर्भावस्था के दौरान ट्राय करे ये सेक्स अवस्था

गर्भावस्था में सेक्स को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान सेक्स से बचना चाहिए। पर क्या वास्तव में ऐसा है? डॉक्टर हालांकि मानते हैं कि गर्भावस्था में सेक्स किया जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ खास सेक्स पोजिशन्स ट्राइ कर सकती हैं। पोजिशन 1 पुरुष और महिला एक दूसरे के सामने लेटें। महिला अपना बायां पैर पुरूष के शरीर पर रख दे। इस अवस्‍था में संभोग करने से भ्रूण को नुकसान नहीं होता। पोजिशन 2 पुरुष कुर्सी पर बैठें और महिला पुरूष के ऊपर बैठ संभोग करे। इस तरह भी सेफ सेक्स किया जा सकता है। पोजिशन 3 महिला पीठ के बल टखने मोड़कर लेट जाए और अपनी टांगें पुरूष के कंधे पर रख कर सेक्‍स करे। इससे पेट पर कोई दबाव नहीं पड़ता। आप बिना गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचाए सेक्स का आनंद ले सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान नए प्रयोग से बचना चाहिए। इसके साथ ही किसी भी तरह की परेशानी या दुविधा के लिए आपको अनपे डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर स्वस्थ गर्भावस्था में सेक्स करने के लिए मना नहीं करते लेकिन सुरक्षित संभोग करने की सलाह देते हैं। गर्भावस्था में संभोग के दौरान पति को खास ख्याल रखना चाहिए और ध्यान रहे महिला पर बहुत ज्यादा दबाव न पड़े। गर्भावस्था में संभोग कैसे करें इस बारे में आप अपने सलाहकार से जानकारी ले सकते हैं। आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान सेक्स करते समय कुछ अवस्थाओं का खास ध्यान रखना चाहिए।

पति पत्नी विवाद - वास्तु दोष नंबर 2

3. पति-पत्नी को आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में कभी नहीं सोना चाहिए। इससे मन-मस्तिष्क में अशांति रहती है और रोज विवाद होते हैं। 4. घर के मालिक को ईशान कोण में तथा पुत्र व पुत्र वधू को नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) में नहीं सोना चाहिए। इससे घर में क्लेश होने की संभावना रहती है। 5. विवाहित व्यक्ति को घर के वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में नहीं सोना चाहिए, इससे दांपत्य जीवन में नीरसता आती है।

Friday, 29 January 2016

औरत को सन्मान दे पुरुष

पुरुषों को बहुत सी बातें पता होती हैं लेकिन जब बात आती है औरत का दिल जीतने की तो बहुत से लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती है| वास्तव में, बहुत से पुरुष नहीं जानते कि औरत को कैसे इज्जत दी जाए| एक रिश्ता शुरू करना आसान है लेकिन यदि इस रिश्ते को लम्बे समय तक बरकरार रखना है, तो महिला का दिल जीतना बहुत जरूरी है| और यह सभव नहीं है जब तक कि आप औरत या गर्लफ्रेंड को इज्जत देना नहीं सीखें| बहुत से पुरुष जिनमे दया और संवेदनशीलता की कमी होती है वे महिला से बुरा व्यवहार करते हैं और फिर रिश्ता टूटने पर पछताते हैं| लेकिन यदि वे इसकी जड़ समझ लें तो तो रिश्तों की एक नई दुनिया उनका इन्तजार कर रही है| इसलिए यदि आप जानना चाहते हैं कि महिला को इज्जत कैसे दे जाए, उसका आदर कैसे किया जाए तो निम्न बिन्दुओं को ध्यान से पढ़ें| महिला का आदर करने के तरीके वो क्या कहती है इस बात पर ध्यान दें बहुत से लोग अपने पार्टनर के विचारों की परवाह किये बिना एक-तरफ़ा निर्णय लेते हैं| यह सही बात नहीं है| एक पुरुष तभी इज्जत पायेगा जब वह महिला को इज्जत देगा| इसलिए यदि आप अपनी पत्नी से इज्जत पाना चाहते हैं तो उसके विचारों पर भी ध्यान दें| एक अच्छा श्रोता होने में कोई बुराई नहीं है| उसके टेस्ट और परख का भी आदर करें इस बात को मान लें कि महिलाओं का टेस्ट ज्यादा अच्छा होता है| उसे आदर दें| आने वाले त्योंहार पर क्या खरीदना है और कहाँ से खरीदना है यह बात भला महिलाओं से अच्छा कौन जान सकता है? ऐसी स्थिति में हमें पिछली सीट पर बैठकर बुद्धिमान महिला को निर्णय लेने देना चाहिए| भरोसा रखें, यदि वो चीजें लेंगी तो अच्छी ही लेंगी| आप महिला को सिर्फ आदर दें बाकी चीजें अपने आप अच्छी हो जाएंगी| उसे नेतृत्व करने दें महिलाएं अच्छी मैनेजर होती हैं| उन्हें कुछ चीजें मैनेज करने देना अच्छी बात है| उन्हें नेतृत्व करने दें| यदि आप महिला को सावधानी से कुछ योजनाओं को लागू करने देंगे तो आपको अफसोस कभी नहीं होगा। कई मायनों में महिलाएं हमसे ज्यादा व्यवस्थित होती हैं| « Previous 1 2 Next » share this page: FACEBOOK TWITTER GOOGLE+

इराणच्या राष्ट्रपतींनी जेवण नाकारल !

फ्रान्स दौऱ्यावर असलेले इराणचे राष्ट्रपती हसन रोहानी यांनी फ्रान्सचे राष्ट्राध्यक्ष फ्रान्स्वा ओलांद यांच्यासोबतचं जेवण तडकाफडकी रद्द केलं आहे. फ्रान्स सरकारतर्फे ठेवण्यात आलेल्या जेवणात वाइनचा समावेश आल्यानं, तसंच 'हलाल' मांस न पुरवल्यामुळं रोहानी यांनी हा निर्णय घेतल्याचं सांगितलं जात आहे. 'डेली मेल'नं याबाबतचं वृत्त दिलं आहे. पॅरिस येथील एका पंचतारांकित हॉटेलात गुरुवारी ओलांद आणि रोहानी हे एकत्र जेवण घेणार होते. मात्र, लंच मेन्यू काय असावा यावर दोन्ही देशांचं एकमत झालं नाही. जेवणात स्थानिक पदार्थ व वाइन असावी, असा फ्रान्सचा आग्रह होता. तर जेवण मुस्लिम पद्धतीचं असावं, अशी इराणची अपेक्षा होती. तडजोड शक्य न झाल्यानं अखेर हा स्नेहभोजनाचा कार्यक्रम रद्द करावा लागला. 'इराणच्या अपेक्षेनुसार जेवण ठेवलं असतं तर ते प्रजासत्ताक व सार्वभौम फ्रान्सच्या मूल्यांच्या विरोधात ठरलं असतं,' असा खुलासा ओलांद यांच्या कार्यालयाकडून करण्यात आला आहे. फ्रान्स दौऱ्याआधी रोहानी इटलीच्या दौऱ्यावर गेले होते. त्यावेळी रोहानी यांना अपमानास्पद वाटू नये म्हणून इटलीचे पंतप्रधान मातेओ रेंजी यांनी इटलीची सांस्कृतिक ओळख असलेली नग्न शिल्पं झाकण्याचे आदेश दिले होते. त्यावरून विरोधकांनी त्यांच्यावर टीकेची झोड उठवली होती. फ्रान्सनं मात्र रोहानी यांच्या इच्छेपुढं मान तुकवण्यास नकार दिला. मोबाई

Wednesday, 27 January 2016

गैस से पेट फूल जाये तो उपाय नंबर 3

दही दही में फायदेमंद बैक्टीरिया होते हैं, जिनसे पेट हमेशा ठीक रहता है व खाना भी हजम हो जाता है। 8. अजवायन खाना खाने के बाद थोड़ी सी अजवायन लेने से पेट नहीं फूलता। 9. नींबू रोज सुबह एक गिलास गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर पीने से पेट नहीं फूलता।

Tuesday, 26 January 2016

आधार कार्ड से होगी KYC बैंक खाता खोलनेमे आसानी

दिल्ली। अब आधार कार्ड के जरिए ई-केवाईसी कराना आसान हो गया है। सिक्युरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के पास रजिस्टर्ड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के साथ ही बैंक को भी यूनिक आइडेंटिफिकेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से आधार डाटा के प्रयोग की अनुमति मिल गई है। इसके जरिए बैंक और फाइनेंस कंपनियां अब नए कस्टमर्स से केवल उनका आधार नंबर मांगेगी और अकाउंट खोल देंगी। कस्टमर्स को मिलेगा यह फायदा आधार नंबर के जरिए अब नए कस्टमर को अकाउंट ओपनिंग के लिए ज्यादा डॉक्युमेंट्स नहीं देने होंगे। कस्टमर को केवल अपने पैन कार्ड और आधार कार्ड की फोटोकॉपी ही देनी होगी। आधार और पैन नंबर से ही कस्टमर के एड्रेस व आईडी प्रूफ जैसे काम हो जाएंगे। इससे ई-केवाईसी का प्रोसेस आसानी से हो जाएगा। मोतीलाल ओसवाल ने लॉन्च की सर्विस 18 जनवरी 2016 को सिक्युरिटीज कंपनी मोतीलाल ओसवाल ने डीमेट और म्युचुअल फंड में ट्रेडिंग के लिए ई-केवाईसी सर्विस लॉन्च कर दी है। इसके लिए कस्टमर के पास वैलिड आधार नंबर होना चाहिए। कस्टमर को इसके लिए कंपनी की वेबसाइट पर लॉग-इन करना होगा। उन्‍हें ऑनलाइन अप्लीकेशन सेगमेंट में जाकर अपनी डिटेल्स भरनी होगी। इनमें नाम फोन, फोन नंबर, पैन नंबर और आधार नंबर आदि शामिल होंगे। डिटेल्स सबमिट करने के बाद कस्टमर के मोबाइल और ई-मेल आईडी पर ओटीपी कोड आएगा। कस्टमर को अपना बैंक अकाउंट नंबर लिंक करना होगा और वैबकेमरा के जरिए आईपीवी कराना होगा। इस प्रोसेस के बाद कस्टमर का अकाउंट शुरू हो जाएगा और वे म्युचुअल फंड व इक्विटी मार्केट में ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते हैं। आगे की स्लाइड में

औरत को सन्मान दे और आदर करे l

उसके विचारों का आदर करें औरत को बहुत अच्छा लगता है जब उसके विचारों का आदर किया जाता है| जो प्यार आप उससे पाते हैं उससे ज्यादा उन्हें दें| उसे अपने विचार रखने दें और देखें वो कैसे आँखों में चमक के साथ अपनी बात रखती है| यदि आप ज्यादा आधिकारिक रूप में पेश आएंगे तो आप उनका रोमांटिक पहलु नहीं देख पाएंगे| उसकी जिंदगी से जुड़े लोगों का सम्मान करें एक औरत की जिंदगी में उसके परिवारजन, मित्र आदि शामिल होते हैं| यदि आप महिला को सम्मान देना चाहते हैं तो उन सभी लोगों को सम्मान दें जो उसकी जिंदगी में शामिल हैं| यदि आप उन्हें ज्यादा नहीं चाहते तो भी उसके सामने उनका निरादर नहीं करें| यदि आप इन लोगों को प्यार देंगें तो महिला से भी आपको कुछ ज्यादा प्यार मिलेगा| अगर आप महिला से अच्छा व्यवहार करना सीख लेंगें तो समझो आपने जिंदगी के बारें में बहुत कुछ सीख लिया

Sunday, 24 January 2016

Daily sex is healthy for life

People Who Have Daily Sex Are Happier, Healthier, And More Creative by Higher PerspectiveFOLLOW JOIN OUR NEWSLETTER Huffington Post blogger Brittany Gibbons decided to get real personal with us in a story earlier this year. She shared her story of having sex every day for an entire year. The results? A boost in confidence, excitement for life, and just overall happiness. At first, she wrote that it changed her routine and felt like it could be adding stress to her life. But once she and her committed partner hit the sheets, everything began to change. "It stopped being a chore, and became the moment of the day where I was most at peace.Where I could have an actual conversation with my husband and know he was listening to me and not secretly watching television or elbow deep in Lego assembly," writes Gibbons. And it's not just anecdotal evidence. A study from the University of Texas shows that participants who had sex often felt more confident about their bodies than those who didn't have sex frequently. Not only are there clear psychological benefits to daily sex, but there are physiological ones as well. Positive effects include a stronger immune system, lower blood pressure, lower risk of heart attack and a decrease in anxiety and stress. Everyday Health reports that having sex more often helps prevent various cancers too. Interesting! Not only does it help us psychologically and physiologically, psychologists at the University of Newcastle found that artists have more sexual partners and encounters out of all the participants surveyed. Psychology Today reported that, when asked to imagine a long walk with a loved one on a beach or to think about having casual sex, those that pictured the walk performed creative tests better. Not just that, the people who pictured casual sex became more analytical rather than creative. So mixing sex and love is the key here. So I think what's clear here is that sex makes you feel more confident, creative, and freer than you did before. It's a vital part of human life. We're one of just a few animals that are designed to enjoy sex. Might as well enjoy it! YOU MAY LIKE Sponsored by RevContent Rajnath Lost 25 Kgs In 2 Months. Find Out His Weight-Loss Secret, Read This Now! Now In India! Naveen Lost 25 Kg's In 4 Weeks With This Miracle Diet Product! Rajesh Lost 25 Kg's In 4 Weeks With This Revolutionary Diet! Now In India Now In India! Lose Up To 20 Kg's In 4 Weeks With This Revolutionary Diet Tip Learn How To get Fairer Skin In Just 4 Weeks. India's #1 Product Results! 1 Pill Can Really Help You Focus And Get Smarter Controversial 'Genius Drug' Used by Rich People New "Limitless Pill" Takes Internet by Storm Next > RELATED STORIES Relationships 5 Signs You Spend Too Much Time Worrying Relationships According To Psychologists, Staying Friends With An Ex Is The Worst Idea Ever Relationships This Brilliant Video About Consent Perfect Explains "When Is It Okay To Have Sex?" Relationships 5 Signs You're Dating A Narcissist Relationships 6 Mental Barriers You Need To Let Go Of Right Now Relationships 5 Signs You're Arguing With A Psychopath Community Comments Privacy Policy Terms of Service Disclaimer © 2016 Higher Perspective, LLC Share this selection

12 sex steps for daily sex lifr

Relieves stress. When you have sex, your body produces dopamine, endorphines, and other feel good hormones. This makes sex an awesome stress reliever. 2. Exercise. Sex is about as good as other types of exercise. Sex for just 15 minutes three times a week is the same as jogging for about an hour. 3. Lowers high blood pressure. Sex lowers high blood pressure and reduces diastolic blood pressure. If you're looking for something a little less romantic, hugs do the same thing. 4. It boosts your immune system. Immunoglobin A is an antigen that fights off infection and it's increased when your frequency of sex increases. 5. You'll look younger. Having sex three times a week may help you look up to ten times younger according to one study published in Secrets of the Superyoung. Can't argue with that! 6. Your heart will be stronger. This ties in with exercise. If you exercise more, your heart will be stronger. All that sex is a big boost to your cardiovascular system. 7. Pain relief. Dr. George E. Elrich is an arthritis specialist from Philadelphia. He conducted a study on the link between arthritis and sex and found that those who had sex more often experienced less pain. 8. Lowered risk of cancer. Routine ejaculation in men reduces the chance of getting prostate cancer, and an Australian study found that men who ejaculated 21 times a month were less likely to develop the cancer. 9. Better sleep. Just like with any exercise, the increased heart rate when you have sex leads to relaxation afterward. If you're an insomniac, have some sex! It'll help you sleep. 10. Regular periods. Sex helps regulate hormones in women that makes the menstrual cycle a bit more routine. Stress is one of the biggest reasons women miss periods too. Stress relief will help make the period more routine too. 11. No erectile dysfunction. Half of men older than 40 suffer from erectile dysfunction of some kind. That doesn't bode well for me! The best medicine is…sex! Erections help keep the blood flowering correctly and prevents erectile dysfunction. 12. You'll live longer. Summing it all up, less stress, a stronger heart, increased circulation of oxygen and happiness are all factors that help you live longer! And who doesn't want to live a little bit longer?

4 tantrik sex tips

Lock eyes and breathe deeply. Making eye contact and breathing in unison creates an eve deeper level of contact. It will leave your heart even more open. This allows you to take in all of your partner, sharing each piece of yourselves with one another. This helps create some intense sexual energy. Related: People Who Have Daily Sex Are Happier, Healthier, And More Creative 2. Keep your eyes open. This enables you to expose yourself fully with your partner. Take in everything about them. Notice even the little things you may not have seen before. Moreover, keep your eyes on them to keep yourself attached to the experience. It'll help create a more loving experience with your partner. 3. Take it slow. All too often, there's a rush to achieve orgasm. Instead, take it slow. Kiss, caress, and enjoy the full experience. Be conscious of what you're doing and maintain arousal as long as you can. It may take practice but you'll get it. 4. Massage one another. Before and after. It expresses the idea that you love and revere your partner and helps them relax and be ready to receive your energy. Massage alone the spine and focus on each chakra. Set your intentions before you engage sexually. Related: 12 Reasons You Should Be Having Sex Every Day YOU MAY LIKE Sponsored by RevContent Rajnath Lost 25 Kgs In 2 Months. Find Out His Weight-Loss Secret, Read This Now! Now In India! Naveen Lost 25 Kg's In 4 Weeks With This Miracle Diet Product! Rajesh Lost 25 Kg's In 4 Weeks With This Revolutionary Diet! Now In India Now In India! Lose Up To 20 Kg's In 4 Weeks With This Revolutionary Diet Tip Learn How To get Fairer Skin In Just 4 Weeks. India's #1 Product Results! 1 Pill Can Really Help You Focus And Get Smarter Controversial 'Genius Drug' Used by Rich People New "Limitless Pill" Takes Internet by Storm Next > RELATED STORIES Uplifting Choose A Mandala And Discover What It Reveals About You Relationships According To Psychologists, Staying Friends With An Ex Is The Worst Idea Ever Uplifting 10 Insane Optical Illusions That Will Blow Your Mind Art These Are The 15 Best Photos Ever Taken Without The Use Of Photoshop News New Research Says Magic Mushrooms Actually Turn Off Part Of The Brain That Causes Depression Spirituality Discover Your Chinese Zodiac For The New Year – 2016 Is The Year Of The Monkey Community Comments Privacy Policy Terms of Service Disclaimer © 2016 Higher Perspective, LLC Share this selectio

omasturbating 7 benifits

Masturbating Regularly Is Good For You. Here Are 7 Reasons Why byNishant Raj 4.8kSHARES Despite what the old wives tell you, masturbation won't cause blindness or infertility; nor will it cause your "willy" to fall off. Instead, the 'divine act' of self-pleasure has numerous health benefits attached to it. So, irrespective of whether you're left-handed, right-handed or both handed, it is good to unzip and unwind, once in a while! Here are some benefits of masturbation: 1. Helps prevent prostrate cancer It flushes out disease-causing toxins in the urogenital tract. Source: My Ageless Beauty 2. Keeps depression and stress under check No wonder you don't see young men being depressed/stressed for long! Source: Hexjam 3. Enhances immunity Say no to "Chyawanprash" and yes to... you know what! Source: Hipwee 4. Boosts mood(s!) Masturbation is the biggest non-drug blast of dopamine that you can get! Source: Debrief Daily 5. Improves sperm quality and motility It also helps release the residual sperms in the seminal tubes, paving way for "better" sperms to be released. Source: Ebay 6. Prevents erectile dysfunction Masturbation works out the pelvic floor muscles, thereby preventing erectile dysfunction. Source: Flickr 7. Reduces nasal congestion A study says that masturbation can help clear the nasal tract and combat common cold symptoms! Source: Sunnybrook So what are you waiting for? Time to get to work! Tags: MasturbationHealthBenefits COMMENT (24) Get more stuff like this in your inbox. Subscribe to our newsletter. AROUND THE WEB Benefits of Compounding With SIP Investments MYUNIVERSE Did you know, you can save upto 45,000 on Tax by MYUNIVERSE 14 Breathtaking Places You Probably Didn't CITYMAPS 27 of the Most Beautiful Small Towns to Visit in CITYMAPS Why You Should Shake Off Winter's Chill In Panama GUIDEADVISOR Recommended by YOU MAY ALSO LIKE LIFE According To Science, Sleeping Naked Is Good For Your Health.

Saturday, 23 January 2016

मेरा और भगवान का रिश्ता

एक बार किसी रेलवे प्लैटफॉर्म पर जब गाड़ी रुकी तो एक लड़का पानी बेचता हुआ निकला....
ट्रेन में बैठे एक सेठ ने उसे आवाज दी,ऐ लड़के इधर आ....
लड़का दौड़कर आया....
उसने पानी का गिलास भरकर सेठ
की ओर बढ़ाया तो सेठ ने पूछा,
कितने पैसे में?
लड़के ने कहा - पच्चीस पैसे....
सेठ ने उससे कहा कि पंदह पैसे में देगा क्या?
यह सुनकर लड़का हल्की मुस्कान
दबाए पानी वापस घड़े में उड़ेलता हुआ आगे बढ़ गया....
उसी डिब्बे में एक महात्मा बैठे थे,
जिन्होंने यह नजारा देखा था कि लड़का मुस्कराय मौन रहा....
जरूर कोई रहस्य उसके मन में होगा....
महात्मा नीचे उतरकर उस लड़के के पीछे- पीछे गए...
बोले - ऐ लड़के ठहर जरा, यह तो बता तू हंसा क्यों?
वह लड़का बोला....
महाराज, मुझे हंसी इसलिए आई कि सेठजी को प्यास तो लगी ही नहीं थी......
वे तो केवल पानी के गिलास का रेट पूछ रहे थे,...
महात्माजी ने पूछा -
लड़के, तुझे ऐसा क्यों लगा कि सेठजी को प्यास लगी ही नहीं थी...
लड़के ने जवाब दिया -
महाराज, जिसे वाकई प्यास लगी हो वह कभी रेट नहीं पूछता...
वह तो गिलास लेकर पहले पानी पीता है...
फिर बाद में पूछेगा कि कितने पैसे देने हैं?
पहले कीमत पूछने का अर्थ हुआ कि प्यास लगी ही नहीं है....
वास्तव में जिन्हें ईश्वर और जीवन में कुछ पाने की तमन्ना होती है,
वे वाद-विवाद में नहीं पड़ते....
पर जिनकी प्यास सच्ची नहीं होती,
वे ही वाद-विवाद में पड़े रहते हैं....
वे साधना के पथ पर आगे नहीं बढ़ते.
अगर भगवान नहीं हे तो उसका ज़िक्र क्यो??
और अगर भगवान हे तो फिर फिक्र क्यों ???
मंज़िलों से गुमराह भी ,कर देते हैं कुछ लोग.....
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता..
मित्रो अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया ...
तो बेशक कहना...
जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी
और जो भी पाया वो भगवान की मेहरबानी थी ....
शब्द गहरे हैं समझो तो सोना ...
न समझो तो पीतल....
बस अंत में....दो लाईन...
खुबसूरत रिश्ता है मेरा और भगवान के बीच में,
ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नही..........
जय जय श्रीराम जी की

तुलसीदास और रामचरितमानस

जयपुर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रफेसर हरीश त्रिवेदी ने शनिवार को यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि रामचरितमानस के लेखक गोस्वामी तुलसीदास ने एक मस्जिद के अंदर शरण मांगी थी। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस लिखते समय जिस मस्जिद के अंदर तुलसीदास ने रहने की इजाजत मांगी, वह बाबरी मस्जिद हो सकती है। त्रिवेदी ने जयपुर साहित्य महोत्सव के दौरान यह बात कही। वह रामचरितमानस के ऊपर आयोजित एक चर्चा में लोवा यूनिवर्सिटी में हिंदी व आधुनिक भारतीय अध्ययन विभाग में प्रफेसर फिलिप लुटगेनडॉर्फ और जाने-माने कवि अशोक वाजपेयी के साथ एक बातचीत कर रहे थे। मालूम हो कि प्रफेसर फिलिप ने रामचरितमानस का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया है। इस वाद-विवाद का शीर्षक था, 'रामचरितमानस: द लाइफ ऑफ ए टेक्स्ट।' इसमें बोलते हुए त्रिवेदी, फिलिप व वाजपेयी ने रामचरितमानस की भाषा व काव्य शैली की परंपरा को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के सांस्कृतिक पक्ष को राजनैतिक पक्ष से अलग कर देखे जाने की जरूरत है। त्रिवेदी ने कहा, 'राम केवल एक धार्मिक प्रस्तावना भर नहीं हैं। वह कुछ लोगों के ही नहीं हैं, उन्हें कुछ लोगों तक सीमित नहीं किया जा सकता है। 1992 में जो हुआ (बाबरी विध्वंस) वह राम की गलती नहीं थी। कोई और था जो इसके लिए जिम्मेदार था। हम में से वे लोग जो उस विचारधारा में यकीन नहीं रखते, उनकी जिम्मेदारी है कि हमने लोगों को रामचरितमानस के राम की इतनी भव्य काव्य परंपरा को आगे ले जाने नहीं दिया। हमारी जिम्मेदारी है कि हम संस्कृति को राजनीति से अलग करें।' त्रिवेदी ने आगे कहा कि जयपुर साहित्य महोत्सव के आयोजक यकीनन धर्मनिरपेक्ष हैं, इसीलिए उन्होंने रामचरितमानस पर चर्चा का आयोजन 'मुगल टेंट' नाम की जगह पर किया। उन्होंने कहा कि बादशाह अकबर के शासन के दौरान तुलसीदास ने भी रामचरितमानस एक मुगल शामियाने के नीचे लिखा था। त्रिवेदी के इस बयान की जानकारी सबसे पहले लेखिका रश्मि बंसल के ट्वीट से मिली। इसके बाद तो ट्विटर पर लोगों ने इस बयान को लेकर काफी गुस्सा जताया। त्रिवेदी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और लोग इसके पक्ष और विपक्ष में बहस करते दिखे। वहीं कुछ लोगों ने त्रिवेदी के बयान को राजनैतिक रंग देने की भी कोशिश की। इस चर्चा में शामिल रहे अशोक वाजपेयी ने हमें बताया, 'रामचरितमानस को मुगलों के समय में लिखा गया था। त्रिवेदी की कोशिश यह समझाने की थी कि रामचरितमानस में भी मुगल साम्राज्य का प्रभाव झलकता है।' मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

तू ही सागर है तू ही किनारा

तू ही सागर है तू ही किनारा ढूँढता है तू किसका सहारा मन में उलझा कभी तन में उलझा तू सदा अपने दामन में उलझा सबसे जीता और अपने से हारा उसका साया है तू उसका दर्पन तेरे सीने में है उसकी धड़कन तेरी आँखों में उसका इशारा पाप क्या पुण्य है क्या ये भूला दे कर्म कर फ़ल की चिंता मिटा दे ये परीक्षा न होगी दोबारा

ऐपल नोकरी के लिए सवाल 2

प्रोफाइल: फैमिली रूम स्पेशलिस्ट प्रश्न- 2: आपका सबसे प्रिय मित्र कौन है?

ऐपल में नोकरी के लिए पहला सवाल

प्रोफाइल: सॉफ्टवेयर इंजिनियर प्रश्न- 1: आपके पास दो अंडे हैं। यह समझने के लिए आप क्या करेंगे कि इन्हें कितने ऊंचे फ्लोर से छोड़ा जाए कि ये न टूटें? इसका सर्वोत्तम समाधान क्या है?

Friday, 22 January 2016

पराई स्त्री पर बुरी नजर रखनेवाला बुरा होता है l

1. पराई स्त्री पर नजर रखने वाला पराई स्त्री पर नजर रखना मनुष्य का सबसे बड़ा अवगुण है। जिसमें भी यह अवगुण होता है, वह निश्चित रूप से भ्रष्ट आचरण वाला होता है। ऐसे लोगों का पतन भी निश्चित होता है। धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं, जहां राक्षसों ने पराई स्त्रियों पर नजर डाली और उनका सर्वनाश हो गया। पराई स्त्री मोह का प्रतीक है, जो भी इस मोह में फंसता है, वह धन, संपत्ति के साथ स्वयं भी नष्ट हो जाता है।

ये 8 काम करनेवाले होते है बुरे इंसान

श्रीरामचरितमानसः ये 8 काम करने वाले होते हैं बुरे इंसान
श्रीरामचरितमानस के एक प्रसंग में भगवान शिव ने पार्वती को 8 ऐसे कामों के बारे में बताया है, जिन्हें केवल राक्षस यानी बुरे इंसान ही करते हैं। आज हम आपको उन्हीं बुरे कामों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं- चौपाई बाढ़े खल बहु चोर जुआरा। जे लंपट परधन परदारा।। मानहिं मातु पता नहिं देवा। साधुन्ह सन करवावहिं सेवा।। जिन्ह के यह आचरन भवानी। ते जानेहु निसिचर सब प्रानी।। अर्थ- 1. पराए धन और 2. पराई स्त्री पर मन चलाने वाले, 3. दुष्ट, 4. चोर और 5. जुआरी बहुत बढ़ गए हैं। लोग 6. माता-पिता और 7. देवताओं को नहीं मानते और 8. साधुओं से सेवा करवाते हैं। हे भवानी। जिनके ऐसे आचरण हैं, उन सब प्राणियों को राक्षस (बुरा इंसान) ही समझना चाहिए।

Thursday, 21 January 2016

छोटा साइज़ वाला बनाता है महिलाओं को वफादार

क्या आप अपने पेनिस (लिंग) के साइज को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं। तो अब चिंता करना छोड़ दीजिए क्योंकि एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि महिलाएं छोटे साइज के पेनिस वाले पुरुषों के प्रति ज्यादा वफादार होती हैं। यूएस और केन्या की रिसर्चर्स की एक टीम ने पाया कि पेनिस(लिंग) के साइज और शादी में बेवफाई के बीच एक अजीब तरह का कनेक्शन है। ज्यादातर पुरुषों की सोच के उलट रिसर्चर्स ने पाया कि बड़े साइज के पेनिस (लिंग) के पुरुषों की पत्नियों के उन्हें धोखा देने की कहीं ज्यादा संभावना रहती है। स्टडी के अनुसार, 'इसका कारण यह है कि उन महिलाओं को सेक्स के दौरान ज्यादा दर्द सहना पड़ता है जिनके पार्टनर के पेनिस (लिंग) का साइज बड़ा होता है। जिसके कारण वह ऐसे किसी दूसरे पार्टनर की तरफ आकर्षित होती हैं जिनके साथ वह ज्यादा आनंददायक सेक्स कर सकें।' यह स्टडी केन्या की किसुमु काउंटी के लेक विक्टोरिया की मछुआरों के समुदाय के बीच की गई। एक महिला ने कहा कि उसे 'छोटे पेनिस साइज' वाले किसी दूसरे आदमी को इसलिए चुनना पड़ा ताकि वह 'इसे इस तरह' कर सके कि इसका आनंद उठा सके। पीलोस वन में छपे इस अध्ययन के अनुसार शादी में बेवफाई के अन्य कारणों में सेक्स के दौरान मनमाफिक भूमिका न मिलना और घरेलू हिंसा का शिकार होना हो सकता है। इंटरनैशनल बिजनस टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अध्ययन में कहा गया है कि एक्सट्रा मरिटल अफेयर का कारण महिलाओं का सेक्शुअली असंतुष्ट होना भी हो सकता है। मोबाइल ऐप

पलंग बीम के नीचेे मत रखे

यदि आपके भी महत्वपूर्ण काम रुके हुए हैं या बार-बार घर के सदस्यों के बीच लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं, तो घर से जुड़ी इन 6 आसान बातों को विशेष रूप से ध्यान रखें। बीम के नीचे पलंग न रखें बीम के नीचे पलंग रखना वास्तु के अनुसार बिल्कुल गलत माना जाता है। ऐसा करने से मनुष्य थका-थका और तनावग्रस्त रहने लगता है। साथ ही बीम के नीचे रखे पलंग पर सोने वाले व्यक्ति को अपने कामों में कई तरह ही रुकावटें और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए पलंग को बीम के नीचे से हटा दें। आगे की स्लाइड्स पर जानें अन्य 5 बातों के बारे

Wednesday, 20 January 2016

संजीवकुमार सुलक्षणा पंडित रिश्ता

सुलक्षणा पंडित: संजीव कुमार ने तोड़ा था दिल 1975 में संजीव कुमार के साथ फिल्म 'उलझन' से एक्ट्रेस और सिंगर सुलक्षणा पंडित ने अपना एक्टिंग करियर शुरू किया था। इसी फिल्म के साथ ही वो संजीव कुमार को दिल दे बैठी थीं। संजीव कुमार को उन्होंने शादी का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन तब हेमा मालिनी द्वारा उनका शादी का प्रस्ताव ठुकरा देने के कारण संजीव बुरे दौर से गुजर रहे थे और उन्होंने सुलक्षणा का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। इस सदमे को वो बर्दाश्त नहीं कर पाईं और अपना मानसिक संतुलन तक खो बैठीं। अपने छोटे से एक्टिंग करियर में उन्होंने अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, जितेंद्र, शम्मी कपूर, राजेश खन्ना जैसे स्टार्स के साथ काम किया था। Advertisement

सुरैय्या देव आनंद रिश्ता

सुरैया: देव आनंद से रहा अफेयर सुरैया और देव आनंद के प्यार की कहानी बॉलीवुड की दर्द भरी कहानियों में से एक है। फिल्म 'विद्या' (1948) के एक गाने 'किनारे किनारे चले जाएंगे...' की शूटिंग के दौरान नाव पलटने के हादसे में देव आनंद ने सुरैया की जान बचाई थी। इसके बाद दोनों करीब आए थे, लेकिन सुरैया की नानी को ये रिश्ता नामंजूर था। इस कारण से सुरैया की देव साहब से शादी नहीं हो सकी। काफी साल पहले एक इंटरव्यू में देव आनंद ने इस फैसले के लिए सुरैया को कायर तक कह दिया था। रिश्ता टूटने के बाद देव आनंद ने एक्ट्रेस कल्पना कार्तिक से शादी कर ली थी, लेकिन सुरैया अविवाहित रहीं। 2004 में 74 साल की उम्र में कैंसर से उनका निधन हो गया। Advertisement

आशा पारेख नासिर हुसैन करीबियां

आशा पारेख: डायरेक्टर नासिर हुसैन से थीं करीबियां आशा बॉलीवुड की उन एक्ट्रेसेस में से एक हैं जिन्होंने शादी नहीं की। उनके बारे में कहा जाता है कि कभी वो डायरेक्टर नासिर हुसैन के बेहद करीब थीं। 1959 में फिल्म 'दिल दे के देखो' में डायरेक्टर नासिर हुसैन ने आशा पारेख को शम्मी कपूर के साथ कास्ट किया था। इसी फिल्म से दोनों की नजदीकियां बढ़ीं। तब नासिर शादीशुदा थे। कुछ साल पहले एक इंटरव्यू के दौरान आशा पारेख ने इस बात का खुलासा किया था कि उनका एक ब्वॉयफ्रेंड रहा था, लेकिन उन्होंने अपने निजी जीवन के बारे में इससे ज्यादा कुछ भी बताने से मना कर दिया था। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि उन्होंने नासिर हुसैन को उनके जीवन के अंतिम सालों में देखा ही नहीं था, क्योंकि पत्नी की मौत के बाद वो एकांत में रहने लगे थे। हालांकि, आशा के अनुसार साल 2002 में उनके निधन से एक दिन पहले ही उनकी नासिर जी से बात हुई थी। Advertisement

अमेरिकी अर्थशास्त्रज्ञ डॉक्टर डूम - भारत की इकॉनमी मजबूत

कई आर्थिक सुधारों के साथ भारत की इकॉनमी मजबूत है और वैश्विक मंदी के दौर में वह चमकदार स्थिति में है। 2008 की वैश्विक मंदी का पूर्वानुमान जताने वाले अमेरिकी अर्थशास्त्री 'डॉक्टर डूम' नॉरियल रूबीनी ने यह बात कही है। इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में रूबीनी ने कहा कि भारत में सांगठनिक सुधार सही दिशा में जा रहे हैं, लेकिन नीतिगत सुधारों में और तेजी हो सकती है। इमर्जिंग मार्केट्स के एनालिस्ट कहे जाने वाले 57 वर्षीय रूबीनी ने कहा कि ग्लोबल इकॉनमी कमजोर ग्रोथ की ओर बढ़ रही है, इसके चलते उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ग्रोथ भी 5-6 पर्सेंट की बजाय 4-5 पर्सेंट तक ही रह सकती है। रूबीनी ने कहा कि विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की ग्रोथ में मंदी की कई वजहें हैं। रूबीनी ने कहा कि बड़े पैमाने पर असंतुलन, वित्तीय असंयम, कर्ज और मुनाफे में कमी, सांगठनिक सुधारों का अभाव और उम्रदराज होती जनसंख्या की वजह से बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मंदी के दौर में हैं। रूबीनी ने कहा, 'दुर्भाग्य से वैश्विक अर्थव्यवस्था एक बार फिर असामान्य स्थिति में है। हालांकि आईएमएफ ने इसे अभी नया मध्यम स्तर करार दिया है।' भारत को लेकर उन्होंने कहा, 'लेकिन कुछ अपवाद भी हो सकते हैं। भारत उनमें से एक होगा, जो मंदी के दौर में चमकदार जगह साबित हो सकता है।' रूबीनी ने कहा कि कुल मिलाकर सरकार की परफॉर्मेंस पॉजिटिव है। राजकोषीय स्थिति सही है, बाहरी परिस्थितियां भी भारत के अनुकूल हैं। रूबी ने कहा कि यह भाग्य की बात है। रूबीनी ने कहा कि कच्चे तेल और अन्य कमोडिटीज के दामों कमी की वजह से भारत का राजकोषीय और व्यापारिक संतुलन बना हुआ है। उन्होंने भारत के नीति-निर्माताओं के प्रयासों की भी तारीफ की। उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली और गवर्नर रघुराम राजन के प्रयासों की भी सराहना की। राजन को सराहते हुए उन्होंने कहा, 'आप लोगों के पास बहुत ही मजबूत गवर्नर है, जिसके पास इस बात का आइडिया है कि कैसे ग्रोथ को बनाए रखा जाए और महंगाई पर भी नियंत्रण रहे। आपके पास एक बेहद क्षमतावान वित्त मंत्री है।' 2008 की मंदी की भविष्यवाणी करने वाले रूबीनी ने भारत का भविष्य बताते हुए कहा, 'मैं मानता हूं कि उभरते देशों में खासकर ब्रिक्स देशों में मंदी का माहौल है। लेकिन भारत अपवाद है।' उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में डिमांड होने की वजह से भारत की इकॉनमी सही रहेगी। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अप

Tuesday, 19 January 2016

ओ माँझी रे अपना किनारा, नदिया की धारा है l

ओ माँझी रे, ओ माँझी रे अपना किनारा, नदियाँ की धारा है साहिलों पे बहनेवाले कभी सुना तो होगा कही कागजों की कश्तियों का कही किनारा होता नही ओ माँझी रे, माँझी रे कोई किनारा जो किनारे से मिले वो अपना किनारा है पानीयों में बह रहे हैं, कई किनारे टूटे हुये रासतों में मिल गये हैं सभी सहारे छूटे हुये ओ माँझी रे, ओ माँझी रे कोई सहारा मझधारे में मिले जो अपना सहारा है

Monday, 18 January 2016

6 ways to cpntrol high blood pressure

Hypertension is nothing but high blood pressure. Did you know that it kills 1938 people every year. To bring about more awareness and curb this problem May 17th is marked as World Hypertension Day. All it takes is a couple of small changes in your lifestyle for you to keep blood pressure and in turn several other lifestyle diseases in check. This World Hypertension Day we tell you about a few things you should keep in mind so you don’t have to struggle with hypertension and the stress related with it anymore! Weight – There is a strong relation between high blood pressure and obesity. Research says, the risk of developing hypertension is 2 – 6 times higher in people who are overweight as compared to those with the right body weight. Avoid eating sodium rich foods Avoid eating sodium rich foods – Sodium contributes effectively to increase in blood pressure. Foods which are rich in sodium include table salt, pickles, papads, farsans, refined and bakery products, cheese, ketchup, whole milk and canned foods etc. Reduced consumption of these foods decreases the amount of dietary sodium in your body, hence reducing blood pressure. Eat right Eat right - Consuming a diet rich in fruits and vegetables, low fat dairy products and lean cuts of chicken and fish is great for people suffering from hypertension. A decrease in total saturated and trans-fatty acids in your diet can help in lowering blood pressure. Exercise Exercise - Individuals who are less physically active are at a greater risk of developing hypertension than active people. So make sure you make a good work out a part of your daily routine. Take the stairs instead of the lift, go for morning jogs or work out in the gym – you need to sweat it out and get rid of the sodium in your body! It is essential to stay physically active and fit to keep blood pressure in control. Potassium Rich foods Potassium Rich foods – One of the best ways to keep blood sugar and thus hypertension in check is to eat foods that are rich in potassium. Not only does potassium reduce blood pressure it also helps reduce the chances of a stroke. Bananas are one of the best sources of potassium. Strawberries, apricots, spinach, broccoli, cabbage and tomatoes are also good bets. Avoid alcohol Avoid alcohol – Alcohol consumption can greatly affect your blood sugar levels. In moderation alcohol won’t cause much harm, but binge drinking will definitely cause your blood sugar levels to shoot up significantly. If you are a heavy drinker try to cut down first and then eventually stop.Incorporating these simple tips in your daily life, will rid you of any hypertension woes you might have. For some healthy tasty recipes using ingredients and cooking methods that will only do you good – browse through sanjeevkapoor.com

Saturday, 16 January 2016

रामचरितमानस दोहे

पाप के संबंध में श्रीराम कहते हैं कि चातक रटत तृषा अति ओही। जिमि सुख लहइ न संकरद्रोही।। सरदातप निसि ससि अपहरई। संत दरस जिमि पातक टरई।। इन चौपाइयों का अर्थ यह है कि प्यास के कारण पपीहा उसी तरह व्याकुल है, जैसे शंकरजी का द्रोही दुखी रहता है। सुख प्राप्त करने के लिए जो खीज, चिढ़, जो बेचैनी प्राप्त होती है, वह भी एक तरह का पाप है। अंत में शरद ऋतु के चंद्रमा की शीतलता को संतों से जोड़ते हुए कहते हैं,‘शरद-ऋतु के ताप को चंद्रमा हर लेता है, जैसे संतों के दर्शन से पाप दूर हो जाते हैं। संत एक ऐसा नजरिया देते हैं, जिससे हम जान जाते हैं कि पाप क्या है और पुण्य क्या है। इसलिए यह गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए कि संत के पास या तीर्थ में जाने से पाप मिट जाएंगे।

रामचरितमानस दोहे

गुंजत मधुकर मुखर अनूपा। सुंदर खग रव नाना रूपा।। चक्रबाक मन दुख निसि पेखी। जिमि दुर्जन पर संपति देखी।। इन चौपाइयों का अर्थ यह है कि भौंरों की अनूठी गूंज सुनाई दे रही है तथा कई प्रकार के सुंदर पक्षी कलरव कर रहे हैं। रात देखकर चकवा वैसे ही दुखी है, जैसे दूसरे की संपत्ति देखकर कोई बुरा व्यक्ति दुखी होता है। दूसरे की संपत्ति को देखकर बुरे व्यक्ति को जैसा लगता है, वह एक तरह का पाप है। कई बार लोग सोचते हैं कि जो कुछ दूसरों के पास है, वह हमारे पास भी होना चाहिए। इसमें बुराई नहीं है, लेकिन बुराई उसे पाने के लिए किए गए अनुचित प्रयास में है। जो मिला है, उसमें संतोष करना चाहिए, जो दूसरे को मिला है, उसमें प्रसन्न होना चाहिए। जब हमारी सोच में ईर्ष्या और लालच आ जाता है तो दूसरों की चीज छीनने की वृत्ति जागती है जो कि पाप है। इससे बचना चाहिए।

प्रथम तुला वन्दितो कृपाला गजानना गणराया

pratham tula vandito krupala, gajanana, ganraya vighna vinashak, gunijan palak, durit timir haraka sukhakarak tu, dukkha vidarak, tooch tuzya sarakha vakkratunda bramhanda nayaka, vinayaka prabhu raya siddhi vinayak, tuch ananta, shivatmaja mangala sindur vadana, vidyadhisha, ganadhipa vatsala tuch ishvara sahhay karave, ha bhav shindhoo taraya gajavadana tav rup manohar, shukrambar shivasuta chintamani tu ashtavinayak, sakalanchi devata riddhi siddhichya vara, dyala, dei krupechi chhaya

दाटुन कंठ येतो ओठात येई गाणे

datoon kanth yeto othant yei gaane ja aapulya ghari tu ja ladake sukhane hatat balpothi othant baal bhasha ramalo tuzyasave mi giravit shriganesha valavun akshranna kele tula shahane jato sukhavuni mi ya god aathavaane bolant bobadichya sangit jagavile layataalasurlene sahajich levavile ekeka sur yava nahun amrutaane avaghyach jivanache vhave surel gane gheu kasaa nirop tutataat aata dhage ha deha dur jataa man rahanar mage dhan aatmaja dujache jyache tayas dene parakyapari ataa mi yethe phiruni yene

यशोदा का नंदलाला अंगाई गीत

Yashoda Ka Nandlala Lyrics from Sanjog (1985) (Zu zu zu zu zu..... Yashoda ka nandlala brij ka ujaala hai Mere laal se to saara jag jhilmilaaye) - (2) Raat thandi thandi hawa gaake sulaaye Bhor gulaabi palake chum ke jagaaye Yashoda ka nandlala brij ka ujaala hai Mere laal se to saara jag jhilmilaaye Zu zu zu zu zu..... Sote sote gehari nind mein mun kyun muskaaye Puchho mujhase main jaanu isako ky asapana aahe Jug jug se yeh laal hai pana Har pal dekhe bas yahin sapana Zu zu zu zu zu..... Jab bhi janam le meri god mein aaye Mere laal se toh saara jag jhilmilaaye Yashoda ka nandlala brij ka ujaala hai Mere laal se to saara jag jhilmilaaye Zu zu zu zu zu..... Meri ungali thaam ke jab yeh ghar aangan mein dole Mere mann mein soyi soyi mamata aankhein khole Chupake chupake mujhako taake Jaise yeh mere mann mein jhaanke Zu zu zu zu zu..... Chehare se aankhein nahi hatati hataaye Mere laal se toh saara jag jhilmilaaye Raat thandi thandi hawaan gaake sunaaye Bhor gulaabi palakein chumake jagaaye Yashoda ka nandlala brij ka ujaala hai Mere laal se to saara jag jhilmilaaye Zu zu zu zu zu.....

अंगाई गीत * यशोदा का नंदलाला ब्रिज का उजाला

Zu zu zu zu zu zu zu Yashoda ka nandlala Brij ka ujala hai Mere lal se to Sara jag jhil milaye Zu zu zu zu zu zu zu Yashoda ka nandlala Brij ka ujala hai Mere lal se to Sara jag jhil milaye Rat thandi thandi Hawa ga ke sualaye Bhor gulabi palke Jhum ke jagaye Yashoda ka nandlala Brij ka ujala hai Mere lal se to Sara jag jhil milaye Zu zu zu zu zu zu zu Zu zu zu zu zu zu zu

आली बघ गाई गाई शेजारच्या अंगनात

आली बघ गाई, गाई शेजारच्या अंगणात फुललासे निशिगंध घोटाळली ताटव्यात आली बघ गाई, गाई चांदण्यांचे पायी चाळ लाविले का अवधान ऐकावया त्यांचा ताल आली बघ गाई, गाई लावी करांगुली गाली म्हणून का हासलीस उमटली गोड खळी आली बघ गाई, गाई लोचनांचे घेई पापे म्हणून का भारावले डोळे माझ्या लाडकीचे आली बघ गाई, गाई काढीतसे लांब झोका दमलीस खेळूनिया झाक मोतियांच्या शिंपा

निम्बोनिच्या झाडामागे चंद्र झोपला ग बाई

निम्बोणीच्या झाडामागे चन्द्र झोपला ग बाई आज माझ्या पाडसाला झोप का ग येत नाही गाय झोपली गोठ्यात घरट्यात चिऊ ताई परसत वेलीवर झोपल्या ग जाई जुई मीट पाकळ्या डोळ्यांच्या गाते तुला मी अंगाई आज माझ्या पाडसाला झोप का ग येत नाही निम्बोणीच्या झाडामागे चन्द्र झोपला ग बाई आज माझ्या पाडसाला झोप का ग येत नाही देवकी नसे मीबाळा भाग्य यशोदेचे भाळी तुझे दुःख घेण्यासाठी केली पदराची झोळी जगावेगळी ही ममता जगावेगळी अंगाई आज माझ्या पाडसाला झोप का ग येत नाही निम्बोणीच्या झाडामागे चन्द्र झोपला ग बाई आज माझ्या पाडसाला झोप का ग येत नाही

Friday, 15 January 2016

तू बिन बताये मुझे ले चल - भजन

Tu Bin Bataye Movie: Rang De Basanti Tu bin bataye mujhe le chal kaheen Jahan tu muskuraye meri manzil wahin Meethi lagi, Chakh ke dekhi abhi Mishri ki dali, Zindagi ho chali Jahan hain teri baahein, Mera sahil wahin Tu bin bataye mujhe le chal kaheen Jahan tu muskuraye meri manzil wahin Mann ki gali, Tu phuharoon si aa Bheeg jaye mere, Khwabon ka kafila Jise tu gungunaye, Meri dhun hai wahin Tu bin bataye mujhe le chal kaheen jahan tu muskuraye meri manzil wahin List of Songs Bhajans || Top

मुझे कहाँ ढूंढे रे बन्दे मै तोतेरे पास में

Moko Kahan Dhoonde re Bande Kabir Moko kahan dunde re bande, Main to tere pas mein Na tirath mein na murat mein, Na kanth nivas mein Na mandir mein na masjid mein Na kabe kailas mein Main to tere pas mein bande Main to tere pas mein Na main jap mein na main tap mein Na main kriya karm mein rahata Nahin jog sanyas mein Nahin pran mein nahin pind mein Na brahmand akash mein Na mein prakuti pravar gupha mein Nahin svasan ki svans mein Khoji hoye turat mil jaun ek pal ki talash mein Kahet kabir suno bhai sadho Main to hun vishvas mein

तू मिले दिल खिले - गीत

Tu Mile Dil Khile Singer(s): Kumar Sanu & Alka Yagnik Tu mile, dil khile Aur jeene ko kya chaahiye (2) Na ho tu udaas, tere paas paas Main rahoonga zindagi bhar (2) Saare sansaar ka pyaar maine tujhi mein paaya Tu Mile... Chanda tujhe, oh dekhne ko nikla karta hai Aaina bhi, oh deedaar ko tarsa karta hai Itni haseen koi nahin (2) Husn dono jahan ka ek tujh mein simatke aaya Tu mile, dil khile Aur jeene ko kya chaahiye

रामचंद्र कृपालु भजमन भजन

Sri Ram Chandra Kripalu Bhajaman Singer: Lata Mangeshkar || Album: Rama | Singer(s): Shalini & Srinivas Sri Ram Chandra Kripalu Bhajaman Haran Bhava Bhaya Darunam ...... Shri Ram Nav Kanj Lochan Kanj Mukh Karkanj Pad Kanjaarunam ....... Shri Ram Kandarp Aganit Amit Chavi nav Neel Neeraj Sundaram Pat Peet Maanhu Tadit Ruchi Suchi Naumi Janak Sutavaram Shri Ram (4) Bhaj Deen Bandhu Dinesh Daanav Daitya Vansh Nikandanam Raghunand Ananda Kand Kashala Chand Dasaratha Nandanam Shri Ram (4) Shir Mukut Kundal Tilak Chaaru Udaar Ang Vibhushanam Aajaanu Bhuj Shar Chaap Dhar Sangram Jit Khar Dushanam Shri Ram (4) Iti Vandit Tulsidas Shankar Shesh Muniman Ranjanam Mum Hriday Kunj Nivas Kuru Kaamadi Khal Dal Bhajanam Shri Ram (4) Note: The more popular of the rendition of this Bhajan is by Lata Mangeshkar. Shalini and Srinivas have also sung it in a different Raag

अजब अनोखा खेल है कैसा भजन

Ajab Anokha Khel Hai Kaisa Album: Amrutdhara || Singer: Sujata Ajab Anokha Khel Hai Kaisa Dekhoon Main Us Paar Naa Main Janamta Naa Main Marta Naa Main Koi Kaaraj Karta Khel Ye Hota Tan Mann Karan Hai To Chakit Sansaar Dekhoon Main Us Paar Naa Main Hasta Naa Main Rota Naa Main Chalta Naa Main Sota Teen Guno Sang Maya Barte Main To Bas Aadhar Dekhoon Main Us Paar Khud hi Leta Khud hi Deta Khud ka Poojan Khud hi Karta Khud hi Khuda Aparampaaraa Naman Ho Baarambaar Dekhoon Main Us Paar Ajab Anokha Khel Ye Kaisa Dekhoon Main Us Paar

मै हूँ मंझिल भजन

Main Hoon Manzil Singer: Bhanu Didi Album: Roohani Live | Singer: Chitra Roy Main Hoon Manzil, Main Hoon Safar Bhi Main Hi Musafir Hoon (2) Main Hoon Drishti, Main Hoon Srishti Main Darshak Janoo (2) Main Hoon Radha Main Hoon Yashodha Main Hi Krishna Kanhaya Main Hoon Bhakt Main Hoon Bhagvan Mujhme Hi Saraa Main Hoon Manzil....... Mandir Main Hoon, Moorat Bhi Hoon Main Hoon Swayam Pujari Roop Bhi Hoon Aroop Bhi Hoon Kaal Ka Mein Adhikari (2) Main Hoon Manzil....... Jag Mein Hoon Jeevan Mein Hoon Suddha Brahma Avinashi Tan ki saans Hoon Mann ki Mauj Bhi Atma Roop Madhoshi Atma Roop Nirdoshi Main Hoon Manzil........ Note: The older version of this song sung by Bhanu Didi has some additional stanzas and the order is also quite different. The above is the one as presented by Chitra Roy.

रघुपती राघव राजाराम भजन

Raghupate Raghava O Raja Rama Album: Rama Singer: Shalini & Srinivas Ramaya Ram Bhadraya Ram Chandraya Vedhase Raghunathaya Nathaya Seetaya Pataye Namaha Raghupate Raghava Raja Rama (2) O Raja Rama O Seeta Rama Raghupate Raghava Raja Rama Karunya Varada Seeta Pate Rama (2) Raghupate.... Dasharatha Nandana Raja Rama Kaushalyatmaja Sundara Rama Rama Rama Jaya Raja Rama Raghava Mohana Megha Shyama Jai Jai Ram (2) Jai Jai Ram Jai Jai Ram Jai Jai Ram Ram Raja Ram Karunya Varada Seeta Pate Rama Raghupate Raghava........ Ram Ram Ram Jai Jai Ram Raghuvar Raja Ram (X) Ram Ram Ram Jai Jai Ram Raghuvar Seeta Ram (X) Dasharatha Nandana Raja Rama Kaushalyatmaja Sundara Rama Maruti Sevita Seeta Rama Ram Ram Jai Raghu Rama Ram Ram Ram Jai Jai Ram Raghuvar Raja Ram (X) Dasharatha Nandana Raja Rama Kaushalyatmaja Sundara Rama Ravana Mardhana Seeta Rama Danav Bhanjana Hey Raghu Rama Deena Bandhu Seeta Rama Karuna Sindhu Seeta Rama Jai Jai Ram Janaki Ram (X) Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ra

रामा हो रामा भजन

Rama Ho Rama Ho Album: Anand Utsav Singer: Rishi Nityapragya Rama Ho (X) Jeevan Sagar Mein O Bhaiya Naiya Sadaa Badhaye Ja Prabhu ko Na Bisraye Ja Ram Ramaiya Gaye Ja Rama Ho..... Jeevan Mein Sukh Dukh Jo Aaye Woh Bhi Aisa Jaan Sukh Aur Dukh ke Is Jhule mein Masti Sadaa Banaye Jaa Prabhu ko naa Bisraye Jaa Ram Ramaiya Gaye Jaa Rama Ho...... Deepak ne Kali Raaton Se Darna Na Jaana Maya Jhanjalo Mein Bhi Tu Kabhi Naa Ghabrana Aisa Rasmayi Gyaan Mila Ismein Khud ko Dubaye Ja Guru ko Na Bisraye Jaa Ram Ramaiya Gaye Jaa Rama Ho......

बात निहारे घनश्याम भजन

Baat Nihare Ghanashyam Singer: Rishi Nityapragya Baat Nihare Ghanashyam Naina Neer Bhare (2) Aas Kare Din Raine Naina Neer Bhare (2) Baat Nihare..... Yog Dhyan mein Chit Nahi Laage Mann Ki Peed Hi Pal Pal Jaage Raine Jage Aviraam Naina Neer Bhare Baat Nihare..... Patita Pavana Mohe Sharana Mein LeeJo Naath Sakha Hari Darshan DeeJo Lagana Lagi Tore Naam Naina Neer Bhare Baat Nihare..... Baanke Bihari Krishna Kanhaye Kaahe Sakhe Sudh Budh Bisraye Kab Aaoge More Dhaam Naina Neer Bhare Baat Nihare..... Note: This Bhajan is based in the tune of the song “Tu Mile Dil Khile Aur Jeene Ko Kya Chahiye”. List of Krishna Bhajans || Top

अच्युतम केशवम् राम नारायणं भजन

Achutam Keshavam Album: Krishna Singer: Vikram Hazra Achutam Keshavam Krishna Damodaram Ram Narayanam Janaki Vallabham Kaun Kehte Hain Bhagvan Aate Nahin Tum Meera Ke Jaise Bulate Nahin Achutam....... Kaun Kehte Hain Bhagvan Khate Nahin Ber Shabri Ke Jaise Khilate Nahin Achutam....... Kaun Kehte Hain Bhagvan Sote Nahin Maa Yashodha ke Jaise Sulate Nahin Achutam....... Kaun Kehte Hain Bhagvan Nachte Nahin Gopiyo ki Tarah Tum Nachate Nahin Achutam.......

परमेश्वराया शशिशेखराया भजन

Parmeshwaraya Shashishekharaya Album: Trinetraya Singer: Rishi Nityapragya Parameshwaraya Shashishekharaya Gangadharaya Namah Om Guna Shambhavaya Shiva Tandavaya Shiva Shankaraya Namah Om Kanaka Samesh Kailasa Vas Vishweshwaraya Namah Om Gauri Priyaya Kalantakaya Jyotirmayaya Namah Om Om Namah Shivaya (X) Bhakta Priyaya Nada Priyaya Rama Priyaya Namah Om Charamambaraya Netra Triyaya Geeta Priyaya Namah Om Om Namah Shivaya(X) Parameshwaraya...... List of Shiva Bhajans || Top

सतगुरु तुम्हारे प्यार ने जीना सीखा दिया भजन

Satguru Tumhare Pyaar Ne Album: Samarpan Singer: Chitra Roy Satguru Tumhare Pyaar ne Jeena Sikha diya (X) Humko Tumhare Pyaar ne Insaan Bana diya. Rehte hain Jalwe aapke Nazron mein Har Ghadi Masti ka jaam aapne Aisa Pila diya... Satguru Tumhare .... Bhula hua tha raasta Bhatka hua tha mein Kismat ne mujhko aapke Kaabil bana diya. Satguru Tumhare .... Jis din mujhko aapne Apna bana liya Dono Jahan ko Daasne Tab se bhula diya Satguru Tumhare .... Jisne kisi ko aaj tak Sajda nahi kiya Woh sar bhi maine aapke Dar par jhuka diya. Satguru Tumhare ....

Bhajan Guru sastang hai prano se pyara

Guru Satsang Hai Praano se Pyaara Singer: Bhanu Didi Guru Satsang Hai Praano Se Pyaara Isme Behti Hai Amrit Dhara Kitne Janmo Se Pyaasa Tu Kabhi Savra Phir Kabhi Gira Tu Guru Vaani Ne Tujhko Pukara Yahan Behti Hai Amrit Dhara Guru Satsang Hai Praano Se Pyaara Chod Aham Ko Jaa Tu Sharan Mein Daal Dukho Ki Gatri Charan Mein Guru Charano Ne Sabko Tara Yahan Behti Hai Amrit Dhara Guru Satsang Hai Praano Se Pyaara Zeher Tera Woh Pile Kshan Mein Pralaya Ho Jaaye Karmo Ki Pal Mein Tu Bhi Ban Ja Guru Ka Dulara Yahan Behti Hai Amrit Dhara Guru Satsang Hai Praano Se Pyaara... List of Guru Bhajans || Top

Bhajan ganapati bappa morya

Sri Ganaraya Jaya Ganaraya Singer: Bhanu Didi Sri Ganaraya Jaya Ganaraya (4) Sri Ganaraya Jaya Ganaraya Ganapati Bappa Moriya Siddhivinayaka Mangala Daata Siddhivinayaka Mangala Daata Mangala Moorti Moriya Sindhura Vadana Pankaja Ramana Sindhura Vadana Pankaja Ramana Ganapati Bappa Moriya Sri Ganaraya Jaya Ganaraya Ganapati Bappa Moriya

Art of living Guru mata pita lyrics

Guru Maata Pita Album: Manthan 1 || Singer: Chitra Roy Guru Maata Pita Guru Bandhu Sakha Tere Charano Mein Swami Mere Koti Pranaam Priyataam Tumhi Praananaath Tumhi Tere Charano Mein Swami Mere Koti Pranaam Guru Maata Pita...... Tumhi Bhakti Ho Tumhi Shakti Ho Tumhi Mukti Ho Mere Sambh Shiva Guru Maata Pita...... Tumhi Prerana Tumhi Sadhana Tumhi Aaradhana Mere Sambh Shiva Guru Maata Pita...... Tumhi Prem Ho Tumhi Karuna Ho Tumhi Moksh Ho Mere Sambh Shiva Guru Maata Pita...... Priyataam Tumhi Hridayanath Tumhi Tere Charano Mein Swami Mere Koti Pranaam Guru Maata Pita......

Living well programme- categarise and opinion

Living Well Program Categories Broadly, there are 3 categories of programs: Living Well @RP: Residential Holistic Healing Programs Living Well @NP: Non-Residential Holistic Healing Programs Living Well @DP: Holistic De-Addiction Programs Program Modules Diabetes Management Hypertension Management Depression Management Anxiety Management Asthma Management Stop Smoking Start Living De-Vine for Alcohol De-addiction Modules for other diseases will be launched in a progressive manner. 1 Dr. Rakesh Makkar, Baroda Living Well programs take a holistic view of human health on physical, mental and emotional levels. The programs provide a step-by-step guidance and techniques to calm the mind and heal the body. They are highly recommended for the people with chronic diseases to achieve a balanced lifestyle and also preventive for the people at the risk of getting the chronic diseases. 2 Anshu Kalra, 37 years, Bangalore I was diagnosed with end stage of kidney failure that resulted in a transplant and completely restricted my physical activity. After the Living Well program, I was able to carry out many more physical tasks and became more active. I learnt about life style management and dietary plans. This program is a wonderful preventive tool for people with chronic diseases.

Art of living - living well programme

Living Well Programs Living Well Philosophy – Nourishing the Roots! Health is not a mere absence of disease. It is a dynamic expression of life – in terms of how joyful, loving and enthusiastic you are. - Sri Sri Ravi Shankar The toll of our fast paced lives can be extremely high on our physical and mental health. Stress and anxiety are known to be significant factors in the onset and progression of a wide spectrum of diseases. The goal of the Living Well programs is to enable healthy and happy living naturally. It is designed to address the physical, psychological, nutritional, spiritual and social needs of a person. Through the 4 E’s – Encourage, Enable, Empower and Enhance- the programs are designed to prevent or manage disease, alleviate stress, improve health and increase wellness. Encourage people to participate actively in the management of their disease and take preventive measures in case of family history. Enable by providing education and awareness on the symptoms, psychological factors and strategies to delay progression of the condition if existing, as some disease conditions are diagnosed only after the investigations. Empower and achieve balance with Yoga, Meditation, Pranayamas, Ayurveda and Diet techniques to prevent or manage the disease condition through a Self-Management Support System Enhance physical and emotional well-being through lifestyle modification and a befitting daily routine. Living Well programs take a holistic view of human health on the physical, mental, emotional and spiritual levels. The programs provide a step-by-step guidance to calm the mind and heal the body. The programs start with a thorough understanding of your current health condition, your daily schedule and lifestyle. They then build in practices that aid in building immunity and reduction of risk factors to the disease. The programs especially focus on the inner well-being of the patient, which is generally the source of disease. Many a times it is found that the medical treatment alone is not sufficient to heal the body. Treating the source - the mind and its patterns, changing unhealthy habits and utilizing practical and effective breathing exercises and yoga to prevent or minimize the impact of an existing ailment are an integral part of the program. The body is a machine, and the consciousness which operates and has helped to develop this body has been ignored by us. We need to pay attention to that as well. This consciousness which is responsible for all creativity, all scientific discovery in the world, all forms of music, art, fashion, film, and everything else, needs your attention. The same consciousness can manifest health and happiness. - Sri Sri Ravi Shankar Program Synopsis During the program in-depth education and awareness is provided on the disease its signs, symptoms and treatment options, so that they opt for healthy lifestyle and regular treatment if required. A powerful breathing technique called Sudarshan Kriya is taught during the program to relax the body and mind, helps coping up with the psychological stressors and challenges in daily life. It eliminates the stress, fatigue and negative emotions such as anger, frustration and depression. Sudarshan Kriya brings balance between sympathetic and parasympathetic nervous systems and helps with relaxation and concentration. It provides deeper and refreshing sleep, improves mental balance and confidence. Simple yet profound yoga asanas and exercises are taught for a healthier body and calm mind. Yoga provides fitness on both physical and psychological level. It helps cope with chronic pain and negative emotions. Increases strength, flexibility, heart, and lung function and reduces the risk of heart disease by improving blood circulation throughout the body. Easy to follow Nutritional and Balanced Diet prevents the disease, aid the healing process and maintains the health and high energy levels in the body. Physical health and emotional well-being mutually influence each other. The program assists people through Social networks and Spirituality to promote a sense of belonging and have a support system to maintain their health. The program also focuses on the long term ill-effects of environmental pollution, irregular food habits, lifestyle and psychological factors such as stress, lack of exercise, tobacco, alcohol or other substance abuse. Living Well residential programs incorporate Ayurvedic healing techniques for holistic healing, counseling tips and the other alternative compliance. The beneficial effects of the program can be experienced in the body as a whole, particularly a person experiences a state of health and medically the nervous system, the endocrine system and the immune system are rejuvenated. We have conducted 150 Living Well programs benefiting 3000 patients in 20 States and 3 Union Territories of India. The program needs no special preparation, no change in beliefs and the techniques and processes taught during the program are easy to learn and practice. Living Well Program Categories Broadly, there are 3 categories of programs: Living Well @RP: Residential Holistic Healing Programs Living Well @NP: Non-Residential Holistic Healing Programs Living Well @DP: Holistic De-Addiction Programs Program Modules Diabetes Management Hypertension Management Depression Management Anxiety Management Asthma Management Stop Smoking Start Living De-Vine for Alcohol De-addiction Modules for other diseases will be launched in a progressive manner.

Thursday, 14 January 2016

why Pisces dont understand

Pisces have their heads in the cloud. It's like they're already planning for their next incarnation or something. Pisces always has their head in the clouds. They are dreamy, but that dreaminess comes of as aloofness and evasiveness as well. Understand that it's tough for Pisces to be decisive and take a stand on anything.

Friday, 8 January 2016

शनिवार को करे पीपल वृक्ष की पूजा

2016 की पहली और आखिरी शनि अमावस्या 9 को, करें ये उपाय जीवन मंत्र
पीपल की पूजा करें शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा विधि-विधान से करें। भागवत के अनुसार पीपल, भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप है। शनि दोषों से मुक्ति के लिए पीपल की पूजा ऐसे करें… नहाने के बाद साफ व सफेद कपड़े पहनें। पीपल की जड़ में केसर चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें। तिल के तेल का दीपक जलाएं। यहां लिखे मंत्र का जाप करें। मंत्र: आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।। विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम:। मंत्र जाप के साथ पीपल की परिक्रमा करें। धूप, दीपक जलाकर आरती करें। पीपल को चढ़ाया हुआ थोड़ा-सा जल घर में लाकर भी छिड़कें। ऐसा करने से घर का वातावरण पवित्र होता है।

Monday, 4 January 2016

अक्षयकुमार का वध और लंका दहन

अक्षयकुमार का वध व लंका दहन माता सीता की खोज करने के बाद हनुमानजी ने उन्हें भगवान श्रीराम का संदेश सुनाया। इसके बाद हनुमानजी ने अशोक वाटिका को तहस-नहस कर दिया। ऐसा हनुमानजी ने इसलिए किया क्योंकि वे शत्रु की शक्ति का अंदाजा लगा सकें। जब रावण के सैनिक हनुमानजी को पकड़ने आए तो उन्होंने उनका वध कर दिया। तब रावण ने अपने पराक्रमी पुत्र अक्षयकुमार को भेजा, हनुमानजी ने उसको भी मार दिया। हनुमानजी ने अपना पराक्रम दिखाते हुए लंका में आग लगा दी। पराक्रमी राक्षसों से भरी लंका में जाकर माता सीता को खोज करना व राक्षसों का वध कर लंका को जलाने का साहस हनुमानजी ने बड़ी ही सहजता से कर दिया।

हनुमान चालीसा का महत्व

संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा” भारतीय आगम तथा निगम में स्तोत्र का एक महत्वपूर्ण स्थान है. सामान्य रूप से स्तोत्र की व्याख्या कुछ इस प्रकार की जा सकती है की स्तोत्र विशेष शब्दों का समूह है जिसके माध्यम से इष्ट की अभ्यर्थना की जाती है. वस्तुतः स्तोत्र के भी कई कई प्रकार है लेकिन तंत्र में इन स्तोत्र को सहजता से नहीं लिया जा सकता है, तंत्र वह क्षेत्र है जहां पर पग पग पर अनन्त रहस्य बिखरे पड़े है. चाहे वह शिवतांडव स्तोत्र हो या सिद्ध कुंजिका, सभी अपने आप में कई कई गोपनीय प्रक्रिया तथा साधनाओ को अपने आप में समाहित किये हुवे है. कई स्तोत्र, कवच, सहस्त्रनाम, खडगमाल आदि शिव या शक्ति से श्रीमुख से उच्चारित हुवे है जो की स्वयं सिद्ध है और यही स्तोत्र विभिन्न तंत्र के भाग है. इसके अलावा कई महासिद्धो ने भी अपने इष्ट की साधना कर उनको प्रत्यक्ष किया था तथा तदोपरांत स्तोत्र की रचना कर उन स्तोत्र की जनमानस के कल्याण सिद्धि हेतु अपने इष्ट से वरदान प्राप्त किया था. ऐसे स्तोत्र निश्चय ही सर्व सिद्धि प्रदाता होते है. उपरोक्त पंक्तियाँ हनुमान चालीसा की है. हनुमान चालीसा के बारे में आज के युग में कोन व्यक्ति अनजान है. वस्तुतः हनुमान चालीसा एक विलक्षण साधना क्रम है जिसमे कई सिद्धो की शक्ति कार्य करती है, विविध साबर मंत्रो के समूह सम यह चालीसा अनंत शक्तियों से सम्प्पन है. खेर, देखा देखि में आज के युग में हर देवी देवता से सबंधित चालीसा प्राप्त हो जाती है लेकिन तंत्र की द्रष्टि से देखे तो वह मात्र काव्य से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है क्यों की न ही उसमे कोई स्वयं चेतना है और ना ही इष्ट शक्ति. इसके अलावा उसमे कोई महासिद्ध का कोई प्रभाव आदि भी नहीं है. एसी चालीसा और दूसरे काव्यों में कोई अन्तर नहीं है उसका पठन करने पर साधक को क्या और केसे कोई उपलब्धि हो सकती है इसका निर्णय साधक खुद ही कर सकता है. निश्चय ही आदी चालीसा अर्थात हनुमान चालीसा के अलावा कोई भी चालीसा का पठन सिद्धि प्रदान करने में असमर्थ है. अगर सूक्ष्म रूप से अध्ययन किया जाए तो हनुमान जी के मूल शिव स्वरुप के आदिनाथ स्वरुप की ही साबर अभ्यर्थना है, कानन कुंडल, संकर सुवन, तुम्हारो मन्त्र, आपन तेज, गुरुदेव की नाइ, अष्ट सिद्धि आदि विविध शब्द के बारे में साधक खुद ही अध्ययन कर विविध पदों के गूढार्थ समजने की कोशिश करे तो कई प्रकार के रहस्य साधक के सामने उजागर हो सकते है. कई वर्षों पूर्व साधना जगत में प्रवेश के प्रारंभिक दिनों में ही जूनागढ़ के एक साधक से मुलाकात हुई, जिनका नाम जिज्ञेश था. योग और तांत्रिक साधना में बचपन से ही काफी रुजान था उनका. गिरनार क्षेत्र के सिद्धो के सबंध में खोज में उनकी विशेष रूचि थी. सम्मोहन तथा वशीकरण आदि विद्याओ के बारे में काफी अच्छा ज्ञान रखते थे. उनके इष्ट हनुमान थे. तंत्र सबंधित चर्चा में सर्व प्रथम उन्होंने हनुमान चालीसा के बारे में विशेष जानकारी प्रदान की थी. उन्होंने बताया की “जो सत् बार पाठ करे कोई, छूटही बंदी महासुख होई” जो हनुमान चालीसा का 100 बार पाठ कर लेता है तो बंधन से मुक्त होता है तथा महासुख को प्राप्त होता है. लेकिन यह सहज ही संभव नहीं होता है, भौतिक अर्थ इसका भले ही कुछ और हो लेकिन आध्यात्मिक रूप सेयहाँ पर बंधन का अर्थ आतंरिक तथा शारीरिक दोनों बंधन से है. तथा महासुख अर्थात शांत चित की प्राप्ति होना है. लेकिन कोई भी स्थिति की प्राप्ति के लिए साधक को एक निश्चित प्रक्रिया को करना अनिवार्य है क्यों की एक निश्चित प्रक्रिया ही एक निश्चित परिणाम की प्राप्ति को संभव बना सकती है. हनुमान चालीसा से सबंधित एक प्रयोग उन्होंने ही मुझे बताया था, उसका उल्लेख यहाँ पर किया जा रहा है. लेकिन उससे पहले इससे सबंधित कुछ अनिवार्य तथ्य भी जानने योग्य है. हनुमान चालीसा का यह प्रयोग सकाम प्रयोग तथा निष्काम प्रकार दोनों रूप में होता है. इस लिए साधक को अनुष्ठान करने से पूर्व अपनी कामना का संकल्प लेना आवश्यक है. अगर कोई विशेष इच्छा के लिए प्रयोग किया जा रहा हो तो साधक को संकल्प लेना चाहिए की “ में अमुक नाम का साधक यह प्रयोग ____कार्य के लिए कर रहा हू, भगवान हनुमान मुझे इस हेतु सफलता के लिए शक्ति तथा आशीर्वाद प्रदान करे. ” अगर साधक निष्काम भाव से यह प्रयोग कर रहा है तो संकल्प लेना आवश्यक नहीं है. साधक अगर सकाम रूप से साधना कर रहा है तो साधक को अपने सामने भगवान हनुमान का वीर भाव से युक्त चित्र स्थापित करना चाहिए. अर्थात जिसमे वह पहाड़ को उठा कर ले जा रहे हो या असुरों का नाश कर रहे हो. लेकिन अगर निष्काम साधना करनी हो तो साधक को अपने सामने दास भाव युक्त हनुमान का चित्र स्थापित करना चाहिए अर्थात जिसमे वह ध्यान मग्न हो या फिर श्रीराम के चरणों में बैठे हुवे हो. साधक को यह क्रम एकांत में करना चाहिए, अगर साधक अपने कमरे में यह क्रम कर रहा हो तो जाप के समय उसके साथ कोई और दूसरा व्यक्ति नहीं होना चाहिए. स्त्री साधिका हनुमान चालीसा या साधना नहीं कर सकती यह मात्र मिथ्या धारणा है. कोई भी साधिका हनुमान साधना या प्रयोग सम्प्पन कर सकती है. रजस्वला समय में यह प्रयोग या कोई साधना नहीं की जा सकती है. साधक साधिकाओ को यह प्रयोग करने से एक दिन पूर्व, प्रयोग के दिन तथा प्रयोग के दूसरे दिन अर्थात कुल 3 दिन ब्रह्मचर्य पालन करना चाहिए. सकाम उपासना में वस्त्र लाल रहे निष्काम में भगवे रंग के वस्त्रों का प्रयोग होता है. दोनों ही कार्य में दिशा उत्तर रहे. साधक को भोग में गुड तथा उबले हुवे चने अर्पित करने चाहिए. कोई भी फल अर्पित किया जा सकता है. साधक दीपक तेल या घी का लगा सकता है. साधक को आक के पुष्प या लाल रंग के पुष्प समर्पित करने चाहिए. यह प्रयोग साधक किसी भी मंगलवार की रात्रि को करे तथा समय १० बजे के बाद का रहे. सर्व प्रथम साधक स्नान आदि से निवृत हो कर वस्त्र धारण कर के लाल आसान पर बैठ जाये. साधक अपने पास ही आक के १०० पुष्प रखले. अगर किसी भी तरह से यह संभव न हो तो साधक कोई भी लाल रंग के १०० पुष्प अपने पास रख ले. अपने सामने किसी बाजोट पर या पूजा स्थान में लाल वस्त्र बिछा कर उस पर हनुमानजी का चित्र या यन्त्र या विग्रह को स्थापित करे. उसके बाद दीपक जलाये. साधक गुरु पूजन गुरु मंत्र का जाप कर हनुमानजी का सामान्य पूजन करे. इस क्रिया के बाद साधक ‘हं’ बीज का उच्चारण कुछ देर करे तथा उसके बाद अनुलोम विलोम प्राणायाम करे. प्राणायाम के बाद साधक हाथ में जल ले कर संकल्प करे तथा अपनी मनोकामना बोले. इसके बाद साधक राम रक्षा स्तोत्र या ‘रां रामाय नमः’ का यथा संभव जाप करे. जाप के बाद साधक अपनी तीनों नाडी अर्थात इडा पिंगला तथा सुषुम्ना में श्री हनुमानजी को स्थापित मान कर उनका ध्यान करे. तथा हनुमान चालीसा का जाप शुरू कर दे. साधक को उसी रात्रि में १०० बार पाठ करना है. हर एक बार पाठ पूर्ण होने पर एक पुष्प हनुमानजी के यंत्र/चित्र/विग्रह को समर्पित करे. इस प्रकार १०० बार पाठ करने पर १०० पुष्प समर्पित करने चाहिए. १०० पाठ पुरे होने पर साधक वापस ‘हं’ बीज का थोड़ी देर उच्चारण करे तथा जाप को हनुमानजी के चरणों में समर्पित कर दे. इस प्रकार यह प्रयोग पूर्ण होता है. साधक दूसरे दिन पुष्प का विसर्जन कर दे. इसके अलावा भी हनुमान चालीसा से सबंधित कई महत्वपूर्ण प्रयोग मुझे उस साधक ने बताये थे जो की कई बार अनुभूत है, वो प्रयोग भी समय समय पर आप के मध्य रखने का प्रयास रहेगा जिससे की समस्त साधकगण लाभान्वित हो सके. ***

Sunday, 3 January 2016

हनुमान चालीसा का महत्व

संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा” भारतीय आगम तथा निगम में स्तोत्र का एक महत्वपूर्ण स्थान है. सामान्य रूप से स्तोत्र की व्याख्या कुछ इस प्रकार की जा सकती है की स्तोत्र विशेष शब्दों का समूह है जिसके माध्यम से इष्ट की अभ्यर्थना की जाती है. वस्तुतः स्तोत्र के भी कई कई प्रकार है लेकिन तंत्र में इन स्तोत्र को सहजता से नहीं लिया जा सकता है, तंत्र वह क्षेत्र है जहां पर पग पग पर अनन्त रहस्य बिखरे पड़े है. चाहे वह शिवतांडव स्तोत्र हो या सिद्ध कुंजिका, सभी अपने आप में कई कई गोपनीय प्रक्रिया तथा साधनाओ को अपने आप में समाहित किये हुवे है. कई स्तोत्र, कवच, सहस्त्रनाम, खडगमाल आदि शिव या शक्ति से श्रीमुख से उच्चारित हुवे है जो की स्वयं सिद्ध है और यही स्तोत्र विभिन्न तंत्र के भाग है. इसके अलावा कई महासिद्धो ने भी अपने इष्ट की साधना कर उनको प्रत्यक्ष किया था तथा तदोपरांत स्तोत्र की रचना कर उन स्तोत्र की जनमानस के कल्याण सिद्धि हेतु अपने इष्ट से वरदान प्राप्त किया था. ऐसे स्तोत्र निश्चय ही सर्व सिद्धि प्रदाता होते है. उपरोक्त पंक्तियाँ हनुमान चालीसा की है. हनुमान चालीसा के बारे में आज के युग में कोन व्यक्ति अनजान है. वस्तुतः हनुमान चालीसा एक विलक्षण साधना क्रम है जिसमे कई सिद्धो की शक्ति कार्य करती है, विविध साबर मंत्रो के समूह सम यह चालीसा अनंत शक्तियों से सम्प्पन है. खेर, देखा देखि में आज के युग में हर देवी देवता से सबंधित चालीसा प्राप्त हो जाती है लेकिन तंत्र की द्रष्टि से देखे तो वह मात्र काव्य से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है क्यों की न ही उसमे कोई स्वयं चेतना है और ना ही इष्ट शक्ति. इसके अलावा उसमे कोई महासिद्ध का कोई प्रभाव आदि भी नहीं है. एसी चालीसा और दूसरे काव्यों में कोई अन्तर नहीं है उसका पठन करने पर साधक को क्या और केसे कोई उपलब्धि हो सकती है इसका निर्णय साधक खुद ही कर सकता है. निश्चय ही आदी चालीसा अर्थात हनुमान चालीसा के अलावा कोई भी चालीसा का पठन सिद्धि प्रदान करने में असमर्थ है. अगर सूक्ष्म रूप से अध्ययन किया जाए तो हनुमान जी के मूल शिव स्वरुप के आदिनाथ स्वरुप की ही साबर अभ्यर्थना है, कानन कुंडल, संकर सुवन, तुम्हारो मन्त्र, आपन तेज, गुरुदेव की नाइ, अष्ट सिद्धि आदि विविध शब्द के बारे में साधक खुद ही अध्ययन कर विविध पदों के गूढार्थ समजने की कोशिश करे तो कई प्रकार के रहस्य साधक के सामने उजागर हो सकते है. कई वर्षों पूर्व साधना जगत में प्रवेश के प्रारंभिक दिनों में ही जूनागढ़ के एक साधक से मुलाकात हुई, जिनका नाम जिज्ञेश था. योग और तांत्रिक साधना में बचपन से ही काफी रुजान था उनका. गिरनार क्षेत्र के सिद्धो के सबंध में खोज में उनकी विशेष रूचि थी. सम्मोहन तथा वशीकरण आदि विद्याओ के बारे में काफी अच्छा ज्ञान रखते थे. उनके इष्ट हनुमान थे. तंत्र सबंधित चर्चा में सर्व प्रथम उन्होंने हनुमान चालीसा के बारे में विशेष जानकारी प्रदान की थी. उन्होंने बताया की “जो सत् बार पाठ करे कोई, छूटही बंदी महासुख होई” जो हनुमान चालीसा का 100 बार पाठ कर लेता है तो बंधन से मुक्त होता है तथा महासुख को प्राप्त होता है. लेकिन यह सहज ही संभव नहीं होता है, भौतिक अर्थ इसका भले ही कुछ और हो लेकिन आध्यात्मिक रूप सेयहाँ पर बंधन का अर्थ आतंरिक तथा शारीरिक दोनों बंधन से है. तथा महासुख अर्थात शांत चित की प्राप्ति होना है. लेकिन कोई भी स्थिति की प्राप्ति के लिए साधक को एक निश्चित प्रक्रिया को करना अनिवार्य है क्यों की एक निश्चित प्रक्रिया ही एक निश्चित परिणाम की प्राप्ति को संभव बना सकती है. हनुमान चालीसा से सबंधित एक प्रयोग उन्होंने ही मुझे बताया था, उसका उल्लेख यहाँ पर किया जा रहा है. लेकिन उससे पहले इससे सबंधित कुछ अनिवार्य तथ्य भी जानने योग्य है. हनुमान चालीसा का यह प्रयोग सकाम प्रयोग तथा निष्काम प्रकार दोनों रूप में होता है. इस लिए साधक को अनुष्ठान करने से पूर्व अपनी कामना का संकल्प लेना आवश्यक है. अगर कोई विशेष इच्छा के लिए प्रयोग किया जा रहा हो तो साधक को संकल्प लेना चाहिए की “ में अमुक नाम का साधक यह प्रयोग ____कार्य के लिए कर रहा हू, भगवान हनुमान मुझे इस हेतु सफलता के लिए शक्ति तथा आशीर्वाद प्रदान करे. ” अगर साधक निष्काम भाव से यह प्रयोग कर रहा है तो संकल्प लेना आवश्यक नहीं है. साधक अगर सकाम रूप से साधना कर रहा है तो साधक को अपने सामने भगवान हनुमान का वीर भाव से युक्त चित्र स्थापित करना चाहिए. अर्थात जिसमे वह पहाड़ को उठा कर ले जा रहे हो या असुरों का नाश कर रहे हो. लेकिन अगर निष्काम साधना करनी हो तो साधक को अपने सामने दास भाव युक्त हनुमान का चित्र स्थापित करना चाहिए अर्थात जिसमे वह ध्यान मग्न हो या फिर श्रीराम के चरणों में बैठे हुवे हो. साधक को यह क्रम एकांत में करना चाहिए, अगर साधक अपने कमरे में यह क्रम कर रहा हो तो जाप के समय उसके साथ कोई और दूसरा व्यक्ति नहीं होना चाहिए. स्त्री साधिका हनुमान चालीसा या साधना नहीं कर सकती यह मात्र मिथ्या धारणा है. कोई भी साधिका हनुमान साधना या प्रयोग सम्प्पन कर सकती है. रजस्वला समय में यह प्रयोग या कोई साधना नहीं की जा सकती है. साधक साधिकाओ को यह प्रयोग करने से एक दिन पूर्व, प्रयोग के दिन तथा प्रयोग के दूसरे दिन अर्थात कुल 3 दिन ब्रह्मचर्य पालन करना चाहिए. सकाम उपासना में वस्त्र लाल रहे निष्काम में भगवे रंग के वस्त्रों का प्रयोग होता है. दोनों ही कार्य में दिशा उत्तर रहे. साधक को भोग में गुड तथा उबले हुवे चने अर्पित करने चाहिए. कोई भी फल अर्पित किया जा सकता है. साधक दीपक तेल या घी का लगा सकता है. साधक को आक के पुष्प या लाल रंग के पुष्प समर्पित करने चाहिए. यह प्रयोग साधक किसी भी मंगलवार की रात्रि को करे तथा समय १० बजे के बाद का रहे. सर्व प्रथम साधक स्नान आदि से निवृत हो कर वस्त्र धारण कर के लाल आसान पर बैठ जाये. साधक अपने पास ही आक के १०० पुष्प रखले. अगर किसी भी तरह से यह संभव न हो तो साधक कोई भी लाल रंग के १०० पुष्प अपने पास रख ले. अपने सामने किसी बाजोट पर या पूजा स्थान में लाल वस्त्र बिछा कर उस पर हनुमानजी का चित्र या यन्त्र या विग्रह को स्थापित करे. उसके बाद दीपक जलाये. साधक गुरु पूजन गुरु मंत्र का जाप कर हनुमानजी का सामान्य पूजन करे. इस क्रिया के बाद साधक ‘हं’ बीज का उच्चारण कुछ देर करे तथा उसके बाद अनुलोम विलोम प्राणायाम करे. प्राणायाम के बाद साधक हाथ में जल ले कर संकल्प करे तथा अपनी मनोकामना बोले. इसके बाद साधक राम रक्षा स्तोत्र या ‘रां रामाय नमः’ का यथा संभव जाप करे. जाप के बाद साधक अपनी तीनों नाडी अर्थात इडा पिंगला तथा सुषुम्ना में श्री हनुमानजी को स्थापित मान कर उनका ध्यान करे. तथा हनुमान चालीसा का जाप शुरू कर दे. साधक को उसी रात्रि में १०० बार पाठ करना है. हर एक बार पाठ पूर्ण होने पर एक पुष्प हनुमानजी के यंत्र/चित्र/विग्रह को समर्पित करे. इस प्रकार १०० बार पाठ करने पर १०० पुष्प समर्पित करने चाहिए. १०० पाठ पुरे होने पर साधक वापस ‘हं’ बीज का थोड़ी देर उच्चारण करे तथा जाप को हनुमानजी के चरणों में समर्पित कर दे. इस प्रकार यह प्रयोग पूर्ण होता है. साधक दूसरे दिन पुष्प का विसर्जन कर दे. इसके अलावा भी हनुमान चालीसा से सबंधित कई महत्वपूर्ण प्रयोग मुझे उस साधक ने बताये थे जो की कई बार अनुभूत है, वो प्रयोग भी समय समय पर आप के मध्य रखने का प्रयास रहेगा जिससे की समस्त साधकगण लाभान्वित हो सके. ***

नोकरी पाने के लिए करे अवश्य ये उपाय

Naukri paane ke liye saral mantra or path:- Ravivar ke din aap "aditiya hrdyam stotram" ka path avasya karein. Aapko agar nokri nahi mil rahi hai ya kaam nahi mil raha hai to aap dekhenge aapko kaam milna shuru ho jaayga. Nokri prapti ke liye ye upay karein:- Ravivar ke din subah Suraj devta ko jal arpti karein. Ek tambe ke lote mein jal le le aur 31 laal mirch ke beej us jal mein daal le aur phir suraj devta ko jal arpit karein aur apni manokamana kar le. Aapko jald hi naukari mil jaaygi. Manchahi naukari ke liye ye saral prabhavkari totka karein:- Shukarwar ke din naya tala khareed le aur usko shaniwar ke din hanuman mandir mein daan kar de. Sunane mein ajeeb hai lekin bahut kaargar hai aur bahut logo ko labh mil chuka hai.

Naukari aur pramotion ke liye upaay no 2,3 abd 4

Doosara upaay Pratidin subah-subah soorya ko jal arpit karen।, Jal taambe ke lote se chadhaana chaahie, isake saath hi jal me laal mirchee ke daane bhi daalen। yah upaay aapako pramoshan dila sakata hai aur man-chaahe sthaan par sthaanaantaran karava sakata hai। Teesara upaay Jyotish ke anusaar yadi aapako kai prayaas karane baad bhi sahii naukari nahin mil rahi hai to nimn upaay karen। kisi bhi mangalavaar ko shubh muhoort me hanuman jee ka aisa chitra khareeden jisamen unaka rang saphed ho। dhyaan rahe hanuman jee ke vastron ka rang saphed na ho। us photo ko ghar lekar aaye aur pratidin uthane ke turant baad bajarang bali ke darshan kare। Is prayog se kuchh hi dinon me aapako achchhee naukaree milane ke yog banenge। Chautha Upaay naukaree ya pramoshan ki ichchha rakhane vaale logon ko pratidin pakshiyon ko mishrit anaaj khilaana chaahie। Aap saat prakaar ke anaajon ko ek saath milaa kar pakshiyon (Birds) ko khilaaen। isamen gehoon, jvaar, makka, baajara, chaaval, daalen shaamil ki ja sakati hai। pratidin subah-subah yah upaay kare, jaldee hi naukaree se judi ichchhaaen poori ho jaaengee। naukaree aur pramoshan dilaate hai ye 4 upaay koee bhi 1 upaay jaroor karen.

Naukari aur pramotion ke liye upay 1

Naukari aur Promotion Dilane wale Upay - Job and Promoton Pahala Upay - Remedy for Saturn will improve your career and gain, follow these remedies and feel the change. : Clean and cut your nails regularly, at least do not have dirty nails . Saturn rules these wastage materials in our body. : Donate blanket to poor people in winters. Black blanket and Poor people related to Saturn. : Donate umbrella in Rainy season. Black umbrella and Poor people related to Saturn. : Help blind people, Saturn is a planet of darkness, hence It rules blind people. : Fast on Saturdays, Saturday is related to Saturn. : Financially help to cleaners and sweepers as these people are ruled by Saturn. : Respect hardworking people like Rikshwala etc. : Offer water in Peepal Tree on Saturdays (very strong remedy). : Avoid alcohol on Saturdays. : Help leapers and handicapped people. Shanivar ke din brahm-muhurtha me uth kar nityakarm karne ke baad, snan kar ke pavitra ho jaye fir ghar me kisi pavitra sthan par puja ka vishesh prabandh kare ya Mandir me puja karwaye. Shanivar shanidev ki puja ka vishesh din mana jata hai evam ve humare karmo ka phal dene wale bhi hai isliye is din shanived ka pujan karna hai. Pujan karne ke baad yaha diye gaye mantra ka 1008 baar jaap karna hai, Jaap ke liye rudraksh ki mala ka prayog kiya ja sakta hai मंत्र: ऊँ नम: भगवती पद्मावती ऋद्धि-सिद्धि दायिनी दुख-दारिद्रय हारिणी श्रीं श्रीं ऊँ नम: कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा। Pujan evam jaap me samay lagta hai isliye kisi shant aur pavitr sthan ka chunav kare, jaha ap shanti se baith kar bina kisi badha ke pujan kar sake. 1008 baar jaap karne se ye mantr siddha ho jata hai, ab jab ap naukari ke liye Interview dene jaye ya promotion ya increment ki baat karne jaye to ghar se 11 baar is mantr ka jaap kar ke jaye aur sath me thoda sa ata(Flour) aur gud (Jaggery) le kar jaye aur raste me gau mata ko khlate huye. Is karya ke baad yah upaay poorn ho jaaega aur aapako jaldee hi achchhee naukaree mil jaaegee। pramoshan ke raaste me aa rahee rukaavaten door ho jaaengee।