Saturday, 28 September 2019

दुर्गा सप्तशती मंत्र

आपत्त्ति से निकलने के लिए:

शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तु ते ॥

भय का नाश करने के लिए:

सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तु ते ॥

पढ़े : माँ दुर्गा के नौ रूप की महिमा

जीवन के पापो को नाश करने के लिए:

हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥

बीमारी महामारी से बचाव के लिए:


रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥

पुत्र रत्न प्राप्त करने के लिए:


देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥

इच्छित फल प्राप्ति:


एवं देव्या वरं लब्ध्वा सुरथः क्षत्रियर्षभः

महामारी के नाश के लिए:


जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तु ते ॥

शक्ति और बल प्राप्ति के लिये:


सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तु ते ॥

इच्छित पति प्राप्ति के लिये:


ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि ।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः ॥

इच्छित पत्नी प्राप्ति के लिये:

पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ॥

No comments:

Post a Comment