Saturday, 17 March 2018

नवदुर्गा स्तोत्रं


देवी  शैलपुत्री :


वन्दे  वांछतलाभाय   ,चंद्रार्धकृतशेखरां  |

वृषारूढां  शूलधरां  शैलपुत्री  यशस्विनीं ||

देवी  ब्रह्मचारिणी :

दधाना  करपद्माभ्यामक्षमाला  कमण्डलू |

देवीप्रसीदतु  मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा  ||

देवी  चन्द्रघण्टा:

 पिण्डजप्रवरारुढा  चण्डकोपास्त्रकैर्युता  |

प्रसादं  तनुते  माध्यम  चन्द्रघण्टेति  विश्रुता  ||

देवी  कुष्माण्डा:

 सुरासम्पूर्णकलशं  रुधिराप्लुतमेव  च  |

दधाना  हस्तपद्माभ्यां  कूष्माण्डा शुभदास्तु  मे ||

देवी  स्कन्दमाता :

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चितकरद्वया  |

शुभदास्तु  सदा  देवी  स्कन्दमाता  यशस्विनी  ||

देवी  कात्यायनी :

 चंद्रहासोज्ज्वलकरा   शार्दूलवरवाहना  |

कात्यायनी  शुभम  दद्याद  देवी  दानवघातिनी  ||

देवी  कालरात्रि :

एकवेणी  जपाकर्णपूरा  नग्न  खरास्थिता  |

लम्बोष्ठी  कार्णिक  करनी  तैलाभ्यक्तशरीरिणी  ||

वाम  पादोल्लसल्लोहलता  कान्ताक्भुषणा  |

बर्धन  मूर्धामे  ध्वजा  कृष्ना  कालरात्रिर्भयंकरी  ||

देवी  महागौरी :

श्वेते  वृषेसमारूढा  श्वेताम्बरधरा  शुचिह  |

महागौरी  शुभम  दद्यान्महादेव  प्रमोददा ||

देवी  सिद्धिदात्री :

सिद्ध  गन्धर्व  यक्षदयिरसुरैरमरैरपि  |

सेव्यमाना  सदाभूयात  सिद्धिदा  सिद्धिदायिनी  ||


No comments:

Post a Comment