न मंदिर जाते हैं, न मदीना जाते है।
हम बैंकर बैंक के सिवा कहीं नहीं जाते हैं ।
न डिस्को में जाते हैं हम, न डेट पर जाते हैं,
हम बैंकर हैं, अक़सर घर देर से जाते है।
न खाकी पे एतबार है , न खद्दर पे इतना भरोसा करते हैं
हम बैंकर हैं, लोग हमारे पर कितना भरोसा करते है।
हिन्दू भी खड़ा रहता है, मुस्लिम भी खड़ा रहता है।
ये बैंकर का दिल है,
इंसानियत भीतर रहती है, मज़हब बाहर खड़ा रहता है !
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