सबसे पहले बता दु आप को सुन्दरकांड का पाठ कैसे करना चाहिए,जानले सुन्दरकांड में भगवान हनुमान जी की स्थूति है। सुन्दरकांड का पाठ करने में विश्वाश रखे औए जैसे भगवान श्री राम जी के सारे काज सवारे थे उसी तरह हमारे भी सारे कष्ठ हर लेंगे। सुन्दरकांड में 3 श्लोक ,60 दोहे और 526 चौपाइयां है और 60 दोहे मे से 30 दोहे भगवान विष्णु स्वरूप भगवान श्री राम भगवान जी का वर्ण किया गया है, सुंदर शब्द इस कांड में 24 चौपाइयों में आया है। सुंदरकांड का पाठ करने से पहले स्नान कर ले वस्त्र अच्छे से धारण करले अगर आप नहाए नही तो भी हाथ पैर धोके करे और हनुमान जी, श्री राम जी की फ़ोटो या प्रतिमा पे फूल माला चढ़ा कर के आप को दीप जलाना है। भोग में गुड़,चने,लड्डू,लाल फूल आदि से आप को उनका सृंगार करना है अगर नही भी है तो थोड़ा सा भोग जरूर रखना चाहिए। ध्यान रखे दोस्तो पूरी पूजा के दौरान बह्मचर्य का पालन और अच्छी बाते अपनाए और अपने अंदर पवित्र भवना के साथ यह पूजा करे। पाठ शुरु करने से पहले आप को गणेश जी को पूजा करना चाहिए, फिर अपने अपने गुरु जी का ध्यान करना चाहिए। अपने पितरों का ध्यान करना चाहिए,और आखिर में श्री राम जी की वंदना कर के सुन्दरकांड का पाठ की सुरुवात कर दे। अगर बिना राम जी की स्थूति किये बिना हनुमान चालीसा भी करेंगे तो वो सम्पूर्ण नही मानी जाती है। पाठ खत्म हो ने के बाद हनुमान जी की और राम जी की आरती जरूर गाए,आरती और प्रशाद सभी को दे। सुन्दरकांड करने से पहले अच्छे से आव्हान करले। जब सुंदर कांड समाप्त हो जाये तब भगवान को भोग लगा कर आरती करें और उनकी विदाई करे और उसके बाद सुन्दरकांड को लाल कपड़े में श्रद्धा पूर्वक बांध कर मंदिर में रख दे।
अगर आप के पास इतना समय नही पूर्ण रूप से पढ़ने का क्योकि सुन्दरकांड अगर आप विधिवत करेंगे तो 2 से तीन घण्टे का समय लग जाता है। जो पूरा सुन्दरकांड नहीं पढ़ सकते है वो ये 11 चौपाइयों का पाठ रोजाना कर सकते है कैसे करेंगे आये बताते है। गुप्त कचौपाइया है मित्रो ये चौपाई गुप्त मानी जाती है। हर इंसान शान्ति और शुकून चाहता है। ब्रहमचार्य का पालन करना है आप 43 दिन तक सुन्दरकांड का पाठ कर सकते है। अगर पूरा पाठ नही कर पा रहे है तो ये 11 चौपाई भी करे ही फायदा पा सकते है । पूजा के लिए लाल अशन लेले उत्तर की ओर मुख कर ले। पूजा में लाल रंग का फूल जैसे केसरिया ,लड्डू ,चूरमा या कोई भी डॉयफ्रूट रखले प्रशाद के लिए गुड़ चना भी रख सकते है। सबसे पहले सर्व कारी सिद्धि चौलाई अगर आप जीवन मे किसी तरह के प्रॉब्लम से गुजर रहे है। आप चाहते है कि आप को ओरा की प्राप्ति हो, बल बुद्धि की प्राप्ति हो साहस की प्राप्ति हो पराक्रम की प्राप्ति हो आप हर तरफ जिस भी फील्ड में आप चाहे आप को सफलता प्राप्त हो तो सबसे पहला मन्त्र है “अतुलित बल धामा हेम शैलाभदेहमदनुज वनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यमसकल गुण विधानवानराणामधीशं रघुपति प्रिय भकतं वातजातं नमामि।” बोलिये श्री राम चन्द्र जी की जय इस मंत्र इस चौपाई का पाठ करना चाहिए।
ये तो हु बड़ो के लिए सिद्धि मन्त्र है, छात्र के लिए “ॐ गं गणपतये नमः” इस मंत्र के बुद्धि के देवता है गणेश जी उनका मन्त्र जब करे और ( “बुद्धिहीन तनु जान के सुमिरो पवन कुमार,बल बुद्धि विद्या देहु मम हरो क्लेश विकार”। इस मंत्र आप को जप करना चाहिए, जो भी छात्र गणेश जी के बीज मंत्र या फिर दोनों में से कोई एक मन्त्र का जप कर सकते है। हनुमान चालीसा की ये चौपाई नित्यप्रति 1 माला जप करते है। लाल चंदन की माला भगवान के सामने दीप जालाक़े इस मंत्र का जप कर सकते है। निश्चित रूप से परीक्षा में पास होंगे। इसके साथ ही साथ विद्यर्थियों को एक टिप्स भी बता देता हूं, रोज 11 पत्ते तुलसी के मिश्री के साथ पीस करके आप सेवन करे आप देखेंगे कि आप के बुद्धि का कितना विकास होता है। साथ ही साथ जो सब्जेक्ट में आप वीक है उसमें आप इमली के पत्ते या मोर पंख रख सकते है। बहोत ही चमत्कारी उपाय माना जाता है।
आप ने देखा होगा कि जब भी महाभारत का फ़ोटो देखते है।आप देखते होंगे वहा जब रथ पे बैठे हुए कृष्ण और अर्जुन उनके ऊपर जो झंडा है उनके बीच मे हनुमान जी हमेशा दिखये देते है। आज मैं इसका रहस्य बताता हूँ। आप को महाभारत के युद्ध मे अर्जुन ने अपने प्रिय भगवान श्री कृष्ण से कहा की मैं इस युद्ध मे निश्चित विजय चाहता हूँ। भगवान् श्री कृष्ण ने अपनी द्वाझा में उनको स्थपित करने की आज्ञा दी मतलब विजय पाने के लिए भी हनुमानजी को भी स्थापित करना पड़ा। शास्त्र साक्षी है, अर्जुन को इसी कारण विजय प्राप्ति हुई थी। ये मन्त्र को 43 दिन अगर आप जपते है तो आपको हर कार्य में सफलता प्राप्ति होगी। आप किसी भी मंदिर में जाए लाल आसान और लाल माला लेकर जप करे, “ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्व शत्रु संघराणाम सर्व रोग हराय सर्ववशिकारण रामदूताय स्वाहा” और “ॐ नमो भगवाते हनुमदाख्यात रुद्राय सर्वदृष्ठिजन” ये 2 मन्त्र हैं जो नीचे वाले मन्त्र बताया आप को जो दुष्ट व्यक्ति हैं जिसे आपको दूर करना हैं तो ये मन्त्र का जाप करे और ये शुक्ल पक्ष से प्रारंभ कर के 12 दिन मूंगे की माला पर आप को यह मंत्र 11 माला रोज करना होगा। और जो भी चीजे है जो आप ने रखके पूजा करने में लिए रख था उसे विसर्जन करना होगा।
ब्यवसाय वृद्धि के लिए या अगर आप ब्यवसाय करना चाहते है,तो दक्षिण की ओर मुख कर के हनुमान जी की मूर्ति की 108 परिक्रमा करनी पड़ेगी और इनमें से कोई एक चौपाई जो मैं आप को बताता हूँ। ये चौपाई बोलते बोलते 108 बार परिक्रमा करनी होगी।
1,विश्व हरण पोषण कर जोई।ताकर नाम भारत अस होई।।
2,कवन सो काज कठिन जग माही।जो नही होई तात तुम्ह पाहि।। ये 2 दोनों मन्त्र में से कोई आप को परिक्रमा करते समय होगा,और परिक्रमा पूरी होने के बाद हनुमान जी को चोला चढ़ना है। थोड़े से फूल में एक दो बूंद चमेली का तेल डाल के उनको लगये चांदी का वर्क लगये बेसन के लड्डू आप उनको अर्पित करे । 40 दिन तक आप को रोज इस चौपाई की लाल आसान पे बैठ करके लाल चंदन या मूंगे की माला से आप को जप करना है। अगर हो सके तो मंगलवार का व्रत करे और हर व्रत नही भी करे ऱो शाम को मीठे गुड़ रोटी ,या फल ईत्यादी का सेवन करे।
दोस्तो मेरे एक दोस्त है उनको एक छुटे केस में जेल में कर दिया गया है। वो जेल में है और उनकी पत्नी समझ नही पा रही है कि उनको क्या करना है। जेल से छूटने के लिए अगर कोई इस तरह की मुसीबत आप के ऊपर आ पड़ी हो तो,“हरि मर्कट मर्कट वाम करे परिमुर्चात मुंचत्ति श्रीमखलिकाम” ये मंत्र का आप जप करना है। किसी भी हनुमान जी के मंदिर में जा कर के तांबे का दीपक लेले उसमे अलसी का तेल डाल लें और उस दीपक को जालकर के 108 बार इस मंत्र का जप करे। प्रवाल की माला आती है,कोई भी पूजा शॉप में आप को मिल जाएगी उसकी माला से या रुद्राक्ष की माला से करे औए आप देखेंगे कि कैसे सारे बंधन काट जाते है और उनको आजादी मिल जाती है। लास्ट आप 4,5 मन्त्र और बात देता हूं जो आप को सुख, शांति मंगल शनि ग्रह की क्रूरता को दूर कर सकते है।हनुमाजी की कृपा को प्राप्त करने के लिए शुक्लपक्ष के प्रथम मंगलवार से ये मन्त्रो को कर सकते है।लाल आसान वे बैठे हनुमान जी की ओरतिस्थित मूर्ति के सामने बैठे घी का दीपक जालये और लाल चंदन की माला से या मूंगे की माला से इस मंत्र जाप करे और रोज 11 माला का 40 दिन तक इन मन्त्रो का जप करना होगा।मन्त्र कुछ इस प्रकार,
1- ॐ हूं हूं हनुमतये फट
2- हौम हस्फ्रें ख्फ्रें हस्त्रो हस्खफ्रेम हसौ हनुमतये नमः
3- ॐ पवन नन्दनाय हूं फट
4- ॐ हं हनुमतये रुद्रतमकाय हुं फट
5- ॐ हां सर्वदृष्ठि ग्रह निवर्णाय स्वाहा
बहुत ही ज्ञान भरी पोस्ट आपने लिखी है जिसमे सुन्दरकाण्ड पाठ करते समय ध्यान रखे जरुरी बाते जय सिया राम
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