अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में नौ ग्रहों से संबंधित कोई दोष है तो उन्हें देवी-देवताओं की कृपा भी नहीं मिल पाती है। इस कारण कार्यों में असफलता मिलती है, भाग्य साथ नहीं देता, घर-परिवार में अशांति रहती है। कुंडली के दोष और दुर्भाग्य को दूर करने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। शास्त्रों में बताए गए अधिकतर उपाय या पूजा-पाठ नहाने के बाद ही करना चाहिए, लेकिन उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार कुछ ऐसे शुभ काम भी बताए गए हैं जो बिना नहाए किए जा सकते हैं। जानिए ऐसे ही कुछ खास शुभ काम...
पहला काम:
शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्य से पहले ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए। जो व्यक्ति सुबह देर तक सोता है, उसकी बुद्धि कम होती है और दुर्भाग्य बढ़ता है।
दुसरा काम :
स्त्री हो या पुरुष रोज सुबह जागते ही इस मंत्र का जाप अवश्य करें।
मंत्र
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्रः शनि राहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे ममसुप्रभातम्॥
इस मंत्र का जाप करने से सभी देवी-देवता और नौ ग्रहों की कृपा मिलती है। इस मंत्र का अर्थ यह है कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ये सभी मेरे प्रातःकाल यानी सुबह को मंगलमय बनाएं। ये शुभ काम सुबह जागते ही करने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिल सकती है।
तिसरा काम :
हमारे हाथों के अग्रभाग में देवी लक्ष्मी, मध्य में सरस्वती और हाथ के मूलभाग में भगवान विष्णु का वास है। इसलिए सुबह जागते ही अपनी दोनों हथेलियों को देखकर मंत्र का पाठ करना चाहिए-
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविंद: प्रभाते करदर्शनम्॥
चौथा काम :
हिन्दू धर्म में भूमि यानि धरती को भी देवी का दर्जा दिया गया है। परंतु हमारी विवशता है कि हमें इसी भूमि देवी पर पांव रखना पड़ता है। सुबह उठते ही भूमि पर पांव रखने से पहले व्यक्ति को यहां बताए गए मंत्र का जाप करते हुए भूमि देवी से क्षमा याचना करनी चाहिए।
मंत्र : समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डिते। विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे॥
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