तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला न पाए
तुझे भूलना तो चाहा,लेकिन भुला न पाए
जितना भुलाना चाहा, तुम उतना याद आये
गुज़रे ज़माने संगदिल,देखि न तेरी सूरत
दिल कोसते रहे है,तेरे प्यार की ज़रूरत
आये जब भी याद तेरी,मेरी नींद ृथा जाए
तुझे भूलना तो चाहा,लेकिन भुला न पाए
तूने कदर न जाना,अनमोल चाहतों का
खाया है मैंने धोखा,तुझसे मोहब्बतों का
अल्लाह करे ये धोखा,तू भी किसी से खाये
तुझे भूलना तो चाहा,लेकिन भुला न पाए
ए फुर्क़तो तुम्हारा है,मजा ही कुछ निराला
देकर लहू जिगर का,ये रोग मैंने पाला
सादिक जहा में ऐसा,कोई रोग न लगाए
तुझे भूलना तो चाहा,लेकिन भुला न पाए
जितना भुलाना चाहा,तुम उतना याद आये
तुझे भूलना तो चाहा,लेकिन भुला न पाए
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