Monday, 10 July 2017
Jeevan chalane ka naam
जीवन चलने का नाम
चलते रहो सुबह-ओ-शाम
के रस्ता कट जाएगा मितरा
के बादल छट जाएगा मितरा
के दुःख से झुकना ना मितरा
के एक पल रुकना ना मितरा
जीवन चलने का नाम…
जो जीवन से हार मानता, उसकी हो गयी छुट्टी
नाक चढ़कर कहे ज़िन्दगी, तेरी मेरी हो गयी कुट्टी
के रूठा यार मना मितरा
के यार को यार बना मितरा
ना खुद से रहो खफा मितरा
खुद ही से बने खुदा मितरा
जीवन चलने का नाम…
उजली-उजली भोर सुनाती, तुतले तुतले बोल
अन्धकार में सूरज बैठा, अपनी गठड़ी खोल
के उससे आंख लड़ा मितरा
समय से हाथ मिला मितरा
के हो जा किरण-किरण मितरा
के चलता रहे चलन मितरा
जीवन चलने का नाम…
के चली शाम के रंग महल में, तपती हुई दुपहरी
मिली गगन से सांझ की लाली, लेकर रूप सुनहरी
के रात बिखर जायेगी मितरा
के बात निखर जायेगी मितरा
के सूरज चढ़ जाएगा मितरा
काफिला बढ़ जाएगा मितरा
जीवन चलने का नाम…
हिम्मत अपना दीन धरम है, हिम्मत है ईमान
हिम्मत अल्लाह, हिम्मत वाहगुरू, हिम्मत है भगवान
के इसपे मरता जा मितरा
के सजदा करता जा मितरा
के शीश झुकाता चल मितरा
के जग पर छाता जा मितरा
जीवन चलने का नाम…
छोटा सा इक दीपक है और टीम टीम करती ज्योति
हीरे जैसी आंख से इसके टूट रहे हैं मोती
के नन्हें हाथ जुड़े मितरा, ना इसका बात मुड़े मितरा
अगर ये खो जाएगा मितरा, तो झूठा हो जाएगा मितरा
जीवन चलने का नाम…
इक दुआ बस तुझसे मांगूं, मैं आज बिछा कर पल्ला
मेरे यार की रक्षा करना, कदम-कदम पर अल्लाह
के लब पर यही दुआ मितरा
के बिगड़ी बात बना मितरा
के बेड़ा पार लगा मितरा
तुझे तब कहूं खुदा मितरा
तुझे तब कहें खुदा मितरा
जीवन चलने का नाम…
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