Tuesday, 9 February 2016
फीजिक्स मधे भरपूर मार्क्स घ्यायची पद्धत
10वीं की परीक्षा को करियर का पथ प्रदर्शक माना जाता है। छात्र आगे सायेंस स्ट्रीम चुनेगा, कॉमर्स चुनेगा या फिर आर्ट्स, यह भले ही वह पहले से तय कर ले, लेकिन चुनिंदा स्ट्रीम दिलाने में 10वीं की परीक्षा में प्राप्त अंक भी काफी हद तक अहम भूमिका निभाते हैं। आपकी मेहनत और आपके लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हम रोजाना नो टेंशन में किसी न किसी विषय पर एक्सपर्ट टीचर द्वारा परीक्षा से जुड़े अहम टिप्स लेकर आ रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम ऐरोली स्थित यूरो स्कूल में फिजिक्स के प्रफेसर उदयन साठे द्वारा 10वीं (आईसीएसई बोर्ड) के छात्रों के लिए फिजिक्स विषय से जुड़े अहम टिप्स लेकर आए हैं।
सबसे अहम
फिजिक्स में थिअरी और न्यूमेरिकल दोनों ही तरह के सवाल होते हैं, इसलिए इसमें छात्रों को अधिक से अधिक स्कोर करने का मौका मिलता है। इसकी तैयारी में जरूरी है कि परीक्षार्थी सबसे पहले सभी डेफिनिशंस और फॉर्म्युले एक जगह नोट कर लें। इससे आपको थिअरी और न्यूमेरिकल दोनों ही प्रकार के सवाल हल करने में मदद मिलेगी। ध्यान रहे, SI और CGS यूनिट को खास तवज्जो दें।
डायग्राम्स में खास
बेहतर मार्क्स हासिल करने का सबसे सरल और अच्छा उपाय हैं डायग्राम्स। रे डायग्राम्स, कैथोड रे ट्यूब, एसी व डीसी मोटर्स, ब्लॉक व टैकल डायग्राम और विभिन्न प्रकार के प्रिज़म के ट्रांसफॉर्मर्स के डायग्राम्स अक्सर बोर्ड परीक्षा में पूछे जाते हैं। इनका यदि स्पष्ट रूप से वर्णन किया जाए और इन्हें साफ-सुथरा बनाय़ा जाए, तो अच्छे मार्क्स मिल सकते हैं। इसी तरह फोर्स, मास व अक्सेलरेशन, रेसोनैंस, फोर्स्ड, डैंप्ड व फ्री वाइब्रेशन, अलग-अलग पिच व वेव फॉर्म्स, OHM के लॉ हीटिंग व कूलिंग कर्व के ग्राफ की भी लेबल्स के साथ अच्छी तैयारी करें।
डेरिवेशंस का अभ्यास जरूरी
डेरिवेशंस में अक्सर पूछे जाने वाले टॉपिक्स में शामिल हैं- एनर्जी कन्जरवेशन ऑफ वर्टिकली थ्रोन बॉडी, सिंपल पेंडुलम, एफिशंसी, रेसिस्टैंस इन सीरीज ऐंड पैरेलल, रिफ्रैक्टिव इंडेक्स और ईएमएफ ऑफ सेल। छात्रों का इनका नियमित अभ्यास करना चाहिए। ऐल्फा, बीटा और गामा पर सिंपल न्यूमेरिकल का अभ्यास करें।
अहम सलाह
1. किसी भी टॉपिक को कॉन्सेप्ट के साथ पढ़ें। इससे उसे याद रखने में आसानी होगी।
2. सही फॉर्म्युला और सही सब्स्टिट्यूशन आपको पूरे मार्क्स दिला सकते हैं।
3. डायग्राम्स की बेहतर प्रस्तुति, सही वर्णन और साफ-सुथरी हैंड राइटिंग भी स्कोर दिलाने में सहायक होती है।
4. लिख-लिख कर याद करने व अभ्यास करने की आदत जरूर होनी चाहिए। आम तौर पर लिखा हुए परीक्षा के दौरान याद आ ही जाता है।
5. आखिर के 10 मिनट अपनी आंसर शीट चेक करने में लगाएं। कहीं भूलवश कुछ गलत न लिख दिया हो या कुछ छूट न गया हो, यह देख लें। जहां जरूरी हो SI और CGS यूनिट्स का जिक्र कर दें और की-वर्ड्स रेखांकित कर दें।
इस चैप्टर्स पर फोकस जरूरी
जैसा कि आप जानते हैं कि आईसीएसई में किसी खास सेक्शन को वेटेज नहीं होता, इसलिए सभी चैप्टर पढ़ने जरूरी होते हैं। प्रश्नों की भाषा समझने के लिए अलग-अलग स्कूलों के प्रीलिम पेपर प्रैक्टिस करें और सभी सावलों का सटीक जवाब दें। पढ़ने की शुरुआत फोर्स, स्पेक्ट्रम, हाउसहोल्ड सर्किट, रीफ्रैक्शन और थर्मियॉनिक एमिशन जैसे आसान टॉपिक्स से करें। इनके बाद कैलोरिमेट्री, करंट इलेक्ट्रिसिटी, मशींस और वर्क पावर एनर्जी जैसे टॉपिक्स पर मूव करें। साउंड, लेंस और रेडियोऐक्टिविटी सबसे आखिर में पढ़ना सही रहेगा। मैथमैटिकल कैलकुलेशंस में स्पीड बढ़ाने के लिए, 30 तक टेबल्स, 30 तक स्क्वेयर्स, 15 तक क्यूब्स और फ्रैक्शंस व डेसिमल्स के बेसिक्स याद कर लेना अच्छा रहता है।
पेपर पैटर्न
कुल चैप्टर- 12
कुल मार्क्स- 80
पढ़ने के लिए समय- 15 मिनट
लिखने के लिए समय- 120 मिनट (10 मिनट आखिर में पेपर जांचने के लिए रखें)
पेपर में दो सेक्शन होते हैं: A और B
कोट
सभी टॉपिक्स का विस्तृत रिविजन करना बेहद जरूरी है। हमारी सलाह है कि एक बार छात्र पिछले सालों के पेपर लिखकर हल अवश्य करें। - उदयन साठे, फिजिक्स प्रफेसर, यूरो स्कूल, ऐरोली
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