Sunday, 3 December 2017

दत्तात्रेया तव शरणं। दत्तनाथा तव शरणं। त्रिगुणात्मका त्रिगुणातीता त्रिभुवन पालक तव शरणम्।। 1।। शाश्वतमुर्ते तव शरणं। श्यामसुंदरा तव शरणं।। शेषाभरणा शेषभुषणा शेषशायि गुरु तव शरणं।। 2।। षडभुजमुर्ते तव शरणं। षडंभुजयतिवर तव शरणं। दंडकमंडलु गदापद्मकर शंखचक्रधर तव शरणम्.।।3।। करुणानिधे तव शरणं। करुणासागर तव शरणं।।श्रीपाद श्री वल्लभ गुरुवरनृसिंह सरस्वती तव शरणम्।। ।।4।। श्रीगुरुनाथा तव शरणं। सदगुरुनाथा तव शरणं।। कृष्णासंगम तरुवरवासी भक्तवत्सला तव शरणम्।।5।। कृपामुर्ते तव शरणं। कृपासागरा तव शरणं। कृपाकटाक्षा कृपावलोकन कृपानिधे प्रभु तव शरणम्।। 6।। कालांतका तव शरणं। कालनाशका तव शरणं। पुर्णानंदा पुर्णपरेशा पुराणपुरुषा तव शरणम्।। 7।। जगदिशा तव शरणं। जगन्नाथा तव शरणं। जगत्पालका जगदाधिशा जगदुद्धारा तव शरणम्।। 8।। अखिलांतरा तव शरणं। अखिलैश्वर्या तव शरणं। भक्तप्रिया वज्रपंजरा प्रसन्नवक्त्रा तव शरणम्।। 9।। दिगंबरा तव शरणं। दीनदयाघन तव शरणं। दीनानाथा दीनदयाळा दीनोद्धारा तव शरणम्।। 10।। तपोमुर्ते तव शरणं। तेजोराशी तव शरणं। ब्रह्मानंदा ब्रह्मसनातन ब्रह्ममोहना तव शरणम्।। 11।। विश्वात्मका तव शरणं। विश्वरक्षका तव शरणं। विश्वंभरा विश्वजीवना, विश्व परात्पर तव शरणम्।। 12।। विघ्नांतका तव शरणं। विघ्ननाशका तव शरणं। प्रणवातिता प्रेमवर्धना, प्रकाश मुर्ते तव शरणम्।। 13।। निजानंदा तव शरणं। निजपददायक तव शरणं। नित्यनिरंजन निराकारा निराधारा तव शरणम्।। 14।। चिद् घनमुर्ते तव शरणं। चिदाकारा तव शरणं l चिदात्मरुपा चिदानंदा चित्सुखकंदा तव शरणम्।। 15।। अनादिमुर्ते तव शरणं। अखिलावतारा तव शरणं। अनंतकोटी ब्रम्हांडनायका अघटीतघटना तव शरणम्।। 16।। भक्तोद्धारा तव शरणं। भक्तरक्षका तव शरणम्।।

दत्तात्रेया तव शरणं। दत्तनाथा तव शरणं। त्रिगुणात्मका त्रिगुणातीता त्रिभुवन पालक तव शरणम्।। 1।।
शाश्वतमुर्ते तव शरणं। श्यामसुंदरा तव शरणं।। शेषाभरणा शेषभुषणा शेषशायि गुरु तव शरणं।। 2।।
षडभुजमुर्ते तव शरणं। षडंभुजयतिवर तव शरणं।
दंडकमंडलु गदापद्मकर
शंखचक्रधर तव  शरणम्.।।3।।
करुणानिधे तव शरणं। करुणासागर
तव शरणं।।श्रीपाद श्री वल्लभ गुरुवरनृसिंह सरस्वती तव शरणम्।।
।।4।। श्रीगुरुनाथा तव शरणं।
सदगुरुनाथा तव शरणं।।
कृष्णासंगम तरुवरवासी
भक्तवत्सला  तव शरणम्।।5।।
कृपामुर्ते तव शरणं।
कृपासागरा तव शरणं।
कृपाकटाक्षा कृपावलोकन
कृपानिधे प्रभु तव शरणम्।। 6।।
कालांतका तव शरणं। 
कालनाशका तव शरणं।
पुर्णानंदा पुर्णपरेशा
पुराणपुरुषा तव शरणम्।। 7।।
जगदिशा तव शरणं।
जगन्नाथा तव शरणं।
जगत्पालका जगदाधिशा
जगदुद्धारा तव शरणम्।। 8।।
अखिलांतरा तव शरणं।
अखिलैश्वर्या तव शरणं।
भक्तप्रिया वज्रपंजरा
प्रसन्नवक्त्रा तव शरणम्।। 9।।
दिगंबरा तव शरणं।
दीनदयाघन तव शरणं।
दीनानाथा दीनदयाळा
दीनोद्धारा तव शरणम्।। 10।।
तपोमुर्ते तव शरणं।
तेजोराशी तव शरणं। ब्रह्मानंदा ब्रह्मसनातन
ब्रह्ममोहना तव शरणम्।। 11।।
विश्वात्मका तव शरणं।
विश्वरक्षका तव शरणं।
विश्वंभरा विश्वजीवना,
विश्व परात्पर तव शरणम्।। 12।।
विघ्नांतका तव शरणं।
विघ्ननाशका तव शरणं।
प्रणवातिता प्रेमवर्धना,
प्रकाश मुर्ते तव शरणम्।। 13।। निजानंदा  तव शरणं।
निजपददायक तव शरणं।
नित्यनिरंजन निराकारा
निराधारा तव शरणम्।। 14।।
चिद् घनमुर्ते तव शरणं।
चिदाकारा तव शरणं l
चिदात्मरुपा चिदानंदा
चित्सुखकंदा तव शरणम्।। 15।।
अनादिमुर्ते तव शरणं।
अखिलावतारा तव शरणं।
अनंतकोटी ब्रम्हांडनायका
अघटीतघटना तव शरणम्।। 16।।
भक्तोद्धारा तव शरणं।
भक्तरक्षका तव शरणम्।।

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