सीताराम , सीताराम , सीताराम कहीये ।
जाही विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ।
मुख मेँ हो राम नाम , राम सेवा हाथ मेँ ।
तू अकेला नहीँ प्यारे , राम तेरे साथ मेँ ।
विधि का विधान जान , हानि लाभ सहिये ।
जाही विधि राखे राम ताही विधि रहिये ।
सीताराम , सीताराम , सीताराम कहिये ।
.
किया अभिमान तो फिर मान नहीँ पायेगा ।
होगा वही प्यारे जो श्रीरामजी को भायेगा ।
फल आशा त्याग शुभ काम करते रहिये ।
जाही विधि राखे राम ताही विधि रहिये ।
सीताराम , सीताराम , सीताराम कहिये ।
.
जिन्दगी की डोर सौँप हाथ दीनानाथ के ।
महलोँ मेँ राखे चाहे झोंपडी मेँ वास दे ।
धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिये ।
जाही विधि राखे राम ताही विधि रहिये ।
सीताराम , सीताराम , सीताराम कहिये ।
.
आशा एक रामजी से दूजी आशा छोड दे ।
नाता एक रामजी से दूजा नाता तोड दे ।
साधु संग राम रंग अंग रंगिये ।
काम रस त्याग प्यारे राम रस पगिये ।
जाही विधि राखे राम ताही विधि रहिये ।
सीताराम , सीताराम , सीताराम कहिये ।
.
।।।।।।।।जय श्रीराम ।।।।।।।।।
Sunday, 4 December 2016
सीताराम सीताराम सीताराम कहीये
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment