चाहे तुम कुछ ना कहो, मैने सुन लिया
के साथी प्यार का मुझे चुन लिया, चुन लिया
पहला नशा, पहला खुमार
नया प्यार है, नया इंतज़ार
कर लू मैं क्या अपना हाल, ऐ दिल-ए-बेकरार
मेरे दिल-ए-बेकरार, तू ही बता
उड़ता ही फिरूँ इन हवाओं में कहीं
या मैं झूल जाऊँ इन घटाओं में कहीं
एक कर दूँ आसमान और ज़मीं
कहो यारों क्या करूँ, क्या नहीं
उसने बात की कुछ ऐसे ढंग से
सपने दे गया वो हज़ारो रंग के
रह जाऊँ जैसे मैं हार के
और चूमें वो मुझे प्यार से
गीतकार : मजरुह सुलतानपुरी, गायक : साधना सरगम - उदित नारायण
संगीतकार : जतिन - ललित, चित्रपट : जो जीता वही सिकंदर (१९९२)
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