Thursday, 3 November 2016
आज मंगलवार है, महावीर का वार है l
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है ॥
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है ॥
चैत सुदीप पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है,
जनम वीर ने पाया है
चैत सुदीपू पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है,
जनम वीर ने पाया है
लाल लंगोट गदा हाथ में सर पर मुकुट सजाया है ।
सर पर मुकुट सजाया है
लाल लंगोट गदा हाथ में सर पर मुकुट सजाया है
सर पर मुकुट सजाया है ।
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,उसका बेडा पार है ॥
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
ब्रह्मा जी के ब्रह्म ज्ञान का बल भी तुमने पाया है,
बल भी तुमने पाया है
ब्रह्मा जी के ब्रह्म ज्ञान का बल भी तुमने पाया है,
बल भी तुमने पाया है
राम काज शिव शंकर ने वानर का रूप धारिया है ।
वानर का रूप धारिया है ।
राम काज शिव शंकर ने वानर का रूप धारिया है ।
वानर का रूप धारिया है
लीला अप्रम पार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई धयावे, उसका बेडा पार है ||
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
बाला पन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है,
हरदम ध्यान लगाया है
बाला पन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है,
हरदम ध्यान लगाया है
श्रम दिया ऋषिओं ने तुमको ब्रह्म ध्यान लगाया है ।
ब्रह्म ध्यान लगाया है
श्रम दिया ऋषिओं ने तुमको ब्रह्म ध्यान लगाया है ।
ब्रह्म ध्यान लगाया है
राम रामाधार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
राम जनम हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है,
कैसा नाच नचाया है,
राम जनम हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है,
कैसा नाच नचाया है,
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है ।
वानर मन को भाया है
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है ।
वानर मन को भाया है
राम चरण से प्यार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
पचवटी से माता को जब रावण लेकर आया है,
रावण लेकर आया है
पचवटी से माता को जब रावण लेकर आया है,
रावण लेकर आया है
लंका में जाकर तुमने माता का पता लगाया है ।
माता का पता लगाया है
लंका में जाकर तुमने माता का पता लगाया है ।
माता का पता लगाया है
अक्षय को मारा है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई धयावे, उसका बेडा पार है ॥
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
मेघनाथ ने ब्रह्मपाश में तुमको आन फसाया है,
तुमको आन फसाया है,
मेघनाथ ने ब्रह्मपाश में तुमको आन फसाया है,
तुमको आन फसाया है,
ब्रह्मपाश में फस कर के ब्रह्मा का मान बढ़ाया है ।
ब्रह्मा का मान बढ़ाया है
ब्रह्मपाश में फस कर के ब्रह्मा का मान बढ़ाया है ।
ब्रह्मा का मान बढ़ाया है
बजरंगी वाकी मार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
लंका जलायी आपने जब रावण भी घबराया है,
जब रावण भी घबराया है
लंका जलायी आपने जब रावण भी घबराया है,
जब रावण भी घबराया है
श्री राम लखन को आकर माँ का सन्देश सुनाया है ।
माँ का सन्देश सुनाया है
श्री राम लखन को आकर माँ का सन्देश सुनाया है ।
माँ का सन्देश सुनाया है
सीता शोक अपार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है
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