तेरी निगाह से ऐसी शराब पी मैने की
फिर ना होश का दावा किया कभी मैने
वो और होंगे जिन्हें मौत आ गई होगी
निगाहें यार से पाई है ज़िंदगी मैने
ऐ गम-ए-ज़िंदगी कुछ तो दे मशवरा
एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा
मैं कहाँ जाऊँ होता नहीं फ़ैसला
एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा
एक तरफ बाम पर कोई गुलफाम है
एक तरफ महफिलें बादा-ओ-जाम है
मेरा दोनोसे है कुछ ना कुछ वास्ता
एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा
उसके दर से उठा तो किधर जाऊँगा
मयकदा छोड़ दूँगा तो मैं मर जाऊँगा
सख़्त मुश्किल में हूँ क्या करूँ ऐ खुदा
एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा
ज़िंदगी एक है और तलबगार दो
जां अकेली मगर जां के हक़दार दो
दिल बता पहले किसका करूँ हक अदा
एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा
इस ताल्लूक को मैं कैसे तोडूँ ज़फर
किसको अपनाऊँ मैं किसको छोडूँ ज़फ़र
मेरा दोनोसे रिश्ता है नज़दीक का
एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा
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