Saturday, 3 November 2018

उम्र 60 के बाद ये खयाल रखे

मैंने  अपने अनुभव मे जाना कि, एक खास उम्र के जो साठ के बाद कि कोई भी हो सकती है, मन चाहे कितना ही जोशीला हो, साठापाठा होते ही, तन उतना फ़ुर्तीला नहीं रह जाता ? शरीर ढलान पर होता है और ‘रिफ्लेक्सेज़’ कमज़ोर ! कभी कभी मन भ्रम बनाए रखता है कि ‘ये काम तो चुटकी मे कर लूँगा’ पर बहुत जल्दी सच्चाई सामने होती है, मगर एक नुक़सान के साथ ?

सीनियर सिटिज़न होने पर जिन बातों का ख़याल रखा जाना चाहिये , ऐसी कुछ टिप्स देना चाहूँगा ? धोखा तभी होता है जब मन सोचता है ‘कर लूंगा’ और शरीर करने से ‘चूक’ जाय ? परिणाम एक एक्सीडेंट और शारीरिक क्षति ? ये क्षति, हड्डी के फ़्रैक्चर से लेकर ‘हेड इंज्यूरी’ तक हो सकती है ? याने जान लेवा भी , कभी कभी ?

इसलिये जिन्हें भी आदत हो हमेशा हड़बड़ी मे रहने और काम करने की , बेहतर होगा कि वे अपनी आदतें बदल डालें ? भरम न पालें , सावधानी बरतें क्योंकि आप अब पहले की तरह फ़ुर्तीले नहीं रह गये ? छोटी चूक कभी बड़े नुक़सान का सबब बन जाती है ?

सुबह नींद खुलते ही तुरंत बिस्तर छोड़ खड़े न हों ! पहले बिस्तर पर कुछ मिनट बैठे रहें और पूरी तरह चैतन्य हो लें ? कोशिश करें कि बैठे बैठे ही स्लीपर / चप्पलें पैर मे डाल लें या खड़े होने पर मेज़ या किसी सहारे को पकड़ कर ही चप्पलें पहने ! अकसर यही समय होता है डगमगा कर गिर जाने का ?

सबसे ज़्यादा घटनाएँ गिरने की बॉथरूम/वॉशरूम या टॉयलेट मे ही होतीं हैं ? आप चाहे नितांत अकेले , पति पत्नी साथ या संयुक्त परिवार मे रहते हों, बॉथरूम मे अकेले ही होते हैं ?

घर मे अकेले रहते हों तो अतिरिक्त सावधानी बरतें क्योंकि गिरने पर यदि उठ न सके तो दरवाज़ा तोड़कर ही आप तक सहायता पहुँच सकेगी ? वह भी तब, जब आप पड़ोसी तक सूचना पहुँचाने मे समय से कामयाब हो सके ? याद रखें बाथरूम मे भी मोबाइल साथ हो ताकि वक़्त ज़रूरत काम आ सके ? बाकी भूल चूक लेनी देनी नही, देनी ही देनी होती है ?

हमेशा कमोड का ही इस्तेमाल करें ! यदि न हो, तो समय रहते बदलवा लें, ज़रूरत पड़नी ही है, चाहे कुछ समय बाद ? कमोड के पास संभव हो तो एक हैंडिल लगवा लें ! कमज़ोरी की स्थिति मे ये ज़रूरी हो जाता है ? ( प्लास्टिक के वेक्यूम हैंडिल भी मिलते हैं, जो टॉइल्स जैसी चिकनी सतह पर चिपक जाते हैं, पर इन्हें हर बार इस्तेमाल से पहले खींचकर ज़रूर परख लें )

हमेशा आवश्यक ऊँचे स्टूल पर बैठकर ही नहॉंएं ! बॉथरूम के फ़र्श पर रबर की मैट ज़रूर बिछा रखें आवश्यकतानुसार फिसलन से बचने ? गीले हाथों से टाइल्स  लगी दीवार का सहारा कभी न लें, हाथ फिसलते ही आप ‘डिसबैलेंस’ होकर गिर सकते हैं ?

बॉथरूम के ठीक बाहर सूती मैट भी रखें जो गीले तलवों से पानी सोख ले ! कुछ सेकेण्ड उस पर खड़े होकर फिर फ़र्श पर पैर रखें वो भी सावधानी से !

अंडरगारमेंट हों या कपड़े, अपने चेंजरूम या बेडरूम मे ही पहने ! अंडरवियर,पजामा या पैंट खडे़ खडे़ कभी नही पहने ! हमेशा बैठ कर ही उनके पायचों मे पैर डालें, फिर खड़े होकर पहिने वर्ना दुर्घटना घट सकती है ? कभी स्मार्टनेस की बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ जाती है ?

अपनी दैनिक ज़रूरत की चीज़ों को नियत जगह पर ही रखने की आदत डाल लें , जिससे उन्हें आसानी से उठाया या तलाशा जा सके ? भूलने की ज़्यादा आदत हो आवश्यक चीज़ों की लिस्ट मेज़ पर या दीवार पर लगा लें , घर से निकलते समय एक निगाह उस पर डाल लें, आसानी रहेगी !  

जो दवाएँ रोज़ाना लेनी हों तो प्लास्टिक के प्लॉनर मे रखें जिसमें जुड़ी हुई डिब्बियों मे हफ़्ते भर की दवाएँ दिनवार रखी जाती है ! अकसर भ्रम हो जाता है कि दवाएँ ले ली हैं या भूल गये ?  प्लॉनर मे से दवा खाने मे चूक नही होगी ?

सीढ़ियों से चढ़ते उतरते समय, सक्षम होने पर भी, हमेशा रेलिंग का सहारा लें ? ख़ासकर मॉल्स के एक्सलेटर पर ? ध्यान रहे आपका शरीर आपके मन का अब वैसा ‘ओबीडियेंट सर्वेंट’ नही रहा ?

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