जय रघु नायक नाम हितकारी सुमिरन तेह सदा सुखकारी
राम राम राम राम राम राम॥
सोवत भाग्य तुरत ही जागे सुमिरत राम नाम दुःख भागे
राम राम राम राम राम राम॥
दशरथ के सुत लक्ष्मण रामा जग जानत हैं तुम्हरे नामा
राम राम राम राम राम राम॥
विश्वामित्र और गुरु वशिष्ठ ज्ञान ध्यान की दिए प्रतिष्ठा
तार अहिल्या और तड़का मारे दुष्टों से संतन को बारे
राम राम राम राम राम राम॥
धनुष तोड़ लिए ब्याह जानकी लाज रखे रघुकुल के मान की
राम राम राम राम राम राम॥
पिता वचन की लाज निभाए लखन सिया संग वन को आये
दुष्ट दुरात्मा असुर सहारे ऋषि मुनि जन जन को तारे
राम राम राम राम राम राम॥
राम की शक्ति बनी बैदेही सिया राम की परम सनेही
राम राम राम राम राम राम॥
लक्ष्मी रूप है जनक दुलारी नमन करे ये दिशाएं सारी
राम बढावहि वन की शोभा देखि देखि मन प्रकृति मन लोभा
राम राम राम राम राम राम राम॥
चहुँ ओर व्यापत तुम्हरी आभा राम दे रहे अगडीत लाभा
शक्ति राम की अजल अभय है राम तिहारी जय जय जय है
राम राम राम राम राम राम राम॥
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