Sunday, 18 November 2018

मुझमे राम तुझमे राम सब मे राम समाया


मुझमे राम तुझमे राम सबमे राम समाया

   गली गली ढूंढा, वन वन ढूंढा,
   कहा कहा ढूंढा राम, 
   सब जग ढूंढा मैंने, मन नहीं ढूंढा,
   जहा मिला मेरा राम ।

मुझमे राम तुझमे राम सबमे राम समाया,
सबसे करलो प्रेम यहां कोई नहीं पराया,
यहां कोई नहीं पराया।

एक बाग़ के फूल हैं सारे,एक हार के मोती,
जितने हैं संसार में प्राणी,सबमे एक ही ज्योति
भूल गए उस परम-पिता को जिसने हमे बनाया,
सबसे करलो प्रेम यहां कोई नहीं पराया,
यहां कोई नहीं पराया।

एक पिता के बच्चे है हम,एक हमारी माता,
दाना पानी देने वाला सबका एक है दाता,
मेरा है यह मैंने कमाया,मूरख क्यों भरमाया,
सबसे करलो प्रेम यहाँ कोई नही पराया,
यहां कोई नही पराया।

कण कण में प्रतिबिम्ब है उसका,ब्रह्म तुम्हारी माया
क्यों कर किसी से बैर करोगे,कौन है यहाँ पराया,
सेवा धर्मं ही श्रेष्ठ धर्म है,गुरुओं ने बतलाया,
सबसे करलो प्रेम यहां कोई नही पराया,
यहाँ कोई नही पराया।

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