चाल : मेरे रशके कमर
रिधि सीधी के दाता तुम हो गणपति,
तेरे चरणों में सिर को नमन कर दिया,
आँखे उपर उठी तेरे दर्शन हुए,
तेरे दर्शन ने जीवन सफल कर दियां,
विगन हरते हो तुम सारे संसार के,
तुम को जो भी पुकारे प्रभु जो प्यार से,
सारे देवो में ही पहले पूजा तुम्हे,
आज देवो ने तुम को नमन कर दियां,
रिधि सीधी के दाता तुम हो गणपति,
ज्ञान देने को ज्ञानी हो तुम मोरेया,
रॉकी लक्षमण पे करना सदा तुम दया,
तेरी किरपा कपूर पे है मोरेया,
रिधि सीधी के दाता तुम हो गणपति,
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