Sunday, 25 November 2018

मेरे कष्ट तू मिटा दे दुनिया बनाने वाले

मेरे कष्ट तू मिटा दे दुनिया बनाने वाले
यह डोर जिंदगी की मेरे श्याम के हवाले

मेरा न और कोई इस जग में आसरा है
मुझको तलाश तेरी नैनो में सांवरा है
दर्शन की आरजू है, गौए चराने वाले
मेरे कष्ट तू मिटा दे...

दुनिया है मेरी वीरान, मझदार में है नैया
आजा ओ माझी बन कर मेरी नाव के खिवईया
साँसों में तुम बसे हो दिल में समाने वाले
मेरे कष्ट तू मिटा दे...

जन्नत में भेज चाहे दोज़क में भेज दे
हम तो तेरे दीवाने इक बार देख ले तू
हम को नहीं है परवाह मुरली बजाने वाले
मेरे कष्ट तू मिटा दे...

कण कण में व्यापत है तू, कहता है यह ज़माना
अब मेरी बारी आयी करते हो क्यों बहाना
मानूगा मैं तो जब ही अपने गले लगाले 
मेरे कष्ट तू मिटा दे...

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