Saturday, 11 February 2017

राम नाम के हिरे मोती, मैं बिखराऊ गली गली

राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली गली । ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ दोलत के दीवानों सुन लो एक दिन ऐसा आएगा, धन योवन और रूप खजाना येही धरा रह जाएगा । सुन्दर काया माटी होगी, चर्चा होगी गली गली, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ प्यारे मित्र सगे सम्बंधी इक दिन तुझे भुलायेंगे, कल तक अपना जो कहते अग्नि पर तुझे सुलायेंगे । जगत सराय दो दिन की है, आखिर होगी चला चली, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ क्यूँ करता है तेरी मेरी, छोड़ दे अभिमान को, झूठे धंदे छोड़ दे बन्दे जप ले हरी के नाम को । दो दिन का यह चमन खिला है, फिर मुरझाये कलि कलि, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ जिस जिस ने यह हीरे लुटे, वो तो मला माला हुए, दुनिया के जो बने पुजारी, आखिर वो कंगाल हुए । धन दौलत और माया वालो, मैं समझाऊं गली गली, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥ 

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