Sunday, 2 October 2016

मधुमेह का उपाय - काला जीरा

कलौंजी। टाइप – 2 मधुमेह के रोगियों के लिए कलौंजी बहुत महत्वपूर्ण हैं, और मधुमेह की वजह से जो दूसरे शरीर के अंगो को नुक्सान पहुँचता हैं उसमे भी ये बहुत लाभकारी हैं। आइये जानते हैं कैसे कलौंजी हमको इन रोगो से बचाता हैं। भारतीय पाक कला में मसालों के इस्तेमाल का अलग ही महत्व है। मसाले न सिर्फ स्वाद बढ़ाने का काम करते हैं बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए भी बेजोड़ होते हैं। ये मसाले अपने आप में हमारे लिए बेहतरीन दवा का काम करते हैं। इन्ही मसालो में एक विशेष हैं कलौंजी। हर रोज़ सिर्फ दो ग्राम की मात्रा में कलौंजी खाने से मधुमेह में विशेष लाभ होता हैं। कलौंजी शरीर के सभी अंगों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है और इसके उपयोग से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं। आज हम आपको विशेष रूप से मधुमेह यानी शुगर में होने वाले लाभो पर चर्चा करेंगे। कलौंजी दो प्रकार से मधुमेह को नियंत्रित करता हैं। कलौंजी पैंक्रियास को उत्तेजित कर के अधिक इन्सुलिन का निर्माण करवाता हैं। जिस से शरीर में मौजूद ग्लूकोस शरीर के cell (उत्तकों) द्वारा आसानी से ग्रहण कर लिए जाते हैं। ऐसा इसमें मौजूद थायमोक़्यीनॉन के कारण होता हैं। जिस से प्राकृतिक रूप से शरीर में रक्त शर्करा का लेवल कम हो जाता हैं। Advanced Glycation end products (AGE) जो सीधे तौर पर बहुत सारी डी जेनेरटिव बीमारियो का कारण हैं जिनमे विशेष तौर पर मधुमेह, atherosclerosis , chronic renal failure, अल्ज़ाइमर हैं। और इस से किडनी और लिवर को भी बहुत अधिक नुक्सान पहुंचता हैं। कलौंजी सीधे सीधे इस Advanced Glycation end products (AGE) को बनने से रोक कर इन सब बीमारियो से बचाता हैं। कलौंजी के सेवन से मधुमेह के कारण हुए आँखों के रोग विशेष कर मोतियाबिंद और दृष्टि मंदता में भी लाभ पहुँचता हैं। [Click Here to Read. कलौंजी – बड़ी से बड़ी बीमारी का एक इलाज।]

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