Sunday, 7 August 2016

दोस्ताना कविता

बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा
सलामत रहे दोस्ताना हमारा

वोह ख्वाबों के दिन, वो किताबों के दिन
सवालों की रातें, जवाबों के दिन
कई साल हमने गुजारें यहाँ
यही साथ खेले, हुए हम जवाँ
था  बचपन बड़ा आशिकाना हमारा

ना बिछड़ेंगे मर के भी हम दोस्तों
हमें दोस्ती की कसम दोस्तों
पता कोई पूछे तो कहते हैं हम
के एक दूजे के दिल में रहते हैं हम
नहीं और कोई ठिकाना हमारा

गीतकार : आनंद बक्षी
गायक : किशोर कुमार - मोहम्मद रफी
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल चित्रपट : दोस्ताना (१९८०)

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