Saturday, 1 October 2016

श्री संतोषी माँ की आरती

! जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता, अपने सेवक जन को, सुख संपति दाता, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय सुंदर, चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो, हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे, मंद हँसत करूणामयी, त्रिभुवन जन मोहे, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरे प्यारे, धूप, दीप, मधुमेवा, भोग धरें न्यारे, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो, संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही, भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई, विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै, जो मन बसे हमारे, इच्छा फल दीजै, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय दुखी, दरिद्री ,रोगी , संकटमुक्त किए, बहु धनधान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो, पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदंबे, संकट तू ही निवारे, दयामयी अंबे, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !! !! जय संतोषी मां की आरती, जो कोई नर गावे, ॠद्धिसिद्धि सुख संपत्ति, जी भरकर पावे, जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता !!

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