Friday, 9 September 2016

लक्ष्मण के बेहोशी का कारण उर्मिला ने बताया

लक्ष्मण हो गए थे बेहोश उर्मिला ने बताया था कारण Updated: Sat, 26 Sep 2015 09:31 AM (IST)  × उन्हीं बेरों का परिवर्तित रूप संजीबनी से उनकी मूर्छा दूर होगी। उनके लिए यही प्रायश्चित है।  वाल्मीकि रामायण के मुख्य पात्र वैसे तो भगवान श्रीराम और माता सीता हैं। लेकिन श्रीराम के अनुज लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला को भुलाया नहीं जा सकता। वह माता सीता की छोटी बहन थीं। उनकी माता का नाम सुनैना और पिता का नाम जनक था। उनके यानी लक्ष्मण और उर्मिला के दो पुत्र थे। जिनका नाम था 'अंगद और धर्मकेतु।' रामायण के अनुसार जब लक्ष्मण जी उर्मिला को छोड़कर श्रीराम और सीता के साथ 14 वर्ष के वनवास पर जाने वाले थे तब उर्मिला ने भी उनके साथ जाने की इच्छा जताई। लक्ष्मण जी ने उर्मिला से कहा, 'वहां वन में प्रभु श्रीराम और सीता भी होंगे। जिनकी सुरक्षा करना मेरा कर्तव्य है। ऐसे में, मैं तुम्हारी ओर ध्यान नहीं दे पाउंगा। यह बात सुनकर उर्मिला मान गईं।' पढ़ें: बजरंगबली के लाइफ मैनेजमेंट सूत्र लक्ष्मण जी जब राम-रावण युद्ध के दौरान जब मूर्छित हो गए तब हनुमानजी संजीबनी बूटी लेने गए। तब उर्मिला ने ही हनुमानजी को बताया था कि लक्ष्मण जी के मूर्छित होने के पीछे असली कारण क्या है। आनंद रामायण के अनुसार जब हनुमानजी ने अपने बाएं हाथ पर संजीवनी पर्वत उठा करे प्रभु राम के पास चल दिए। उनको मालूम नहीं था कि पर्वत में संजीबनी जड़ी-बूटी कौन सी है? हनुमानजी जब अयोध्या के नजदीक से जा रहे थे। तभी उन्होंने अयोध्या में श्रीराम के परिवार के दर्शन करना उचित समझा। अर्धरात्रि समय था। अब तक उन्होंने सभी के दर्शन किए लेकिन लक्ष्मणजी की पत्नी माता उर्मिला के दर्शन उन्होंने नहीं किए थे। दरअसल वह विशिष्ट साधना में मग्न थीं। पढ़ें:विदेशों में भी पूज्य हैं विद्या की देवी सरस्वती जिज्ञासा वश हनुमानजी ने ध्यान लगाया तो देखा कि उर्मिला ने 14 वर्षों तक की अवधि के लिए विशेष साधनों का प्रण लिया है तथा वो विशिष्ट साधना में पूरे मनोयोग से उसे पूरा कर रही हैं। तभी उन्हें माता उर्मिला ने पुकारा। उनका कुशलक्षेम पूछकर कहा, मैनें आपको पहचान लिया है मारुतिनंदन। और मुझे मालूम है कि मेरे पति इस समय मूर्छा में है। आप उनके लिए ही इस पर्वत को लेकर जा रहे हैं जिसमें संजीबनी जड़ी-बूटी है। पढ़ें:अनंत चतुर्दशी के दिन भुजा में इसीलिए बांधा जाता है अनंत मेरे पति लक्ष्मण जी ने शबरी के झूठे बेरों का अपमान किया था। उन्हीं बेरों का परिवर्तित रूप संजीबनी से उनकी मूर्छा दूर होगी। उनके लिए यही प्रायश्चित है। spiritual से जुड़े हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए नईदुनिया के Facebook पेज को

No comments:

Post a Comment