Sunday, 11 September 2016

माँ सीता प्रिय प्रभु श्री राम की वंदना

p.r.pandeyNovember 26, 2014 at 8:34 AM माँ सीता प्रिय प्रभु श्री राम की वंदना:- नमामि भक्त-वत्सलं,कृपालु-शील-कोमलम्। भजामि ते पदाम्बुजं,अकामिनां स्व-धामदम्।। निकाम-श्याम-सुन्दरं, भवाम्बु-नाथ मन्दरम्। प्रफुल्ल-कंज-लोचनं, मदादि-दोष-मोचनम्।। प्रलम्ब-बाहु-विक्रमं, प्रभो·प्रमेय-वैभवम्। निषंग-चाप-सायकं, धरं त्रिलोक-नायक...म्।। दिनेश-वंश-मण्डनम्, महेश-चाप-खण्डनम्। मुनीन्द्र-सन्त-रंजनम्, सुरारि-वृन्द-भंजनम्।। मनोज-वैरि-वन्दितं, अजादि-देव-सेवितम्। विशुद्ध-बोध-विग्रहं, समस्त-दूषणापहम्।। नमामि इन्दिरा-पतिं, सुखाकरं सतां गतिम्। भजे स-शक्ति सानुजं, शची-पति-प्रियानुजम्।। त्वदंघ्रि-मूलं ये नरा:, भजन्ति हीन-मत्सरा:। पतन्ति नो भवार्णवे, वितर्क-वीचि-संकुले।। विविक्त-वासिन: सदा, भजन्ति मुक्तये मुदा। निरस्य इन्द्रियादिकं, प्रयान्ति ते गतिं स्वकम्।। तमेकमद्भुतं प्रभुं, निरीहमीश्वरं विभुम्। जगद्-गुरूं च शाश्वतं, तुरीयमेव केवलम्।। भजामि भाव-वल्लभं, कु-योगिनां सु-दुलर्भम्। स्वभक्त-कल्प-पादपं, समं सु-सेव्यमन्हवम्।। अनूप-रूप-भूपतिं, नतोऽहमुर्विजा-पतिम्। प्रसीद मे नमामि ते, पदाब्ज-भक्तिं देहि मे।। पठन्ति से स्तवं इदं, नराऽऽदरेण ते पदम्। व्रजन्ति नात्र संशयं, त्वदीय-भक्ति-संयुता:।। तात् राम नहीं नर भोपाला। भुवनेश्वर कालहू कर काला।। समस्त चराचर प्राणियों एवं सकल विश्व का कल्याण करो प्रभु !! जगतजननी माता सीता की कृपा सदा बरसती रहे,,, जयति पुण्य सनातन संस्कृति,,,जयति पुण्य भूमि भारत,,, सदा सुमंगल,,,,जय भवानी,,, जय सीता(श्री) राम,,,जय सिया(श्री) राम,,, जय श्री राम~ Reply

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