Sunday, 11 September 2016

कुबेर मन्त्र

कुबेर मन्त्र – विनियोग – ॐ अस्य मन्त्रस्य विश्रवा ऋषि:, वृहती छन्द:, कुबेर: देवता, सर्वेष्ट-सिद्धये जपे विनियोग:। ऋष्यादि-न्यास – विश्रवा-ऋषये नम: शिरसि, वृहती-छन्दसे नम: मुखे, कुबेर-देवतायै नम: हृदि। सर्वेष्ट-सिद्धये जपे विनियोगाय नम: सर्वांगे। षडग्-न्यास कर-न्यास अग्-न्यास ॐ यक्षाय अंगुष्ठाभ्यां नम: हृदयाय नम: ॐ कुबेराय तर्जनीभ्यां स्वाहा शिरसे स्वाहा ॐ वैश्रवणाय मध्यमाभ्यां वषट् शिखायै वषट् ॐ धन-धान्यधिपतये अनामिकाभ्यां हुं कवचाय हुं ॐ धन-धान्य-समृद्धिं मे कनिष्ठिकाभ्यां वौषट् नेत्र-त्रयाय वौषट् ॐ देही दापय स्वाहा करतल करपृष्ठाभ्यां फट् अस्त्राय फट् ध्यान – मनुज बाह्य विमान स्थितम्, गरूड़ रत्न निभं निधि नायकम्। शिव सखं मुकुटादि विभूषितम्, वर गदे दधतं भजे तुन्दिलम्।। मन्त्र – “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्याधिपतये धन-धान्य-समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।´´ उक्त मन्त्र का एक लाख जप करने पर सिद्धि होती है। 1. Kubera Mantra ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ Om Yakshaya Kuberaya Vaishravanaya Dhanadhanyadhipataye Dhanadhanyasamriddhim Me Dehi Dapaya Svaha॥ 2. Kubera Dhana Prapti Mantra ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥ Om Shreem Hreem Kleem Shreem Kleem Vitteshvaraya Namah॥ 3. Kubera Ashta-Lakshmi Mantra ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ Om Hreem Shreem Kreem Shreem Kuberaya Ashta-Lakshmi Mama Grihe Dhanam Puraya Puraya Namah॥ 4.Laxmi Kubera Man

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