Saturday, 1 October 2016
सप्तम शक्ति कालरात्रि पूजा व आरती
सप्तम शक्ति कालरात्रि
मां दुर्गा की सातवीं शक्ति ।
धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष को देनेवाली ।
सातवीं देवी कालरात्रि जी की पूजा
अपने महाविनाशक गुणों से शत्रु और दुष्ट लोगों का संहार करनेवाली देवी का नाम कालरात्रि है । विनाशक होने के कारण इनका नाम कालरात्रि पड़ गया । मां का स्वरुप देखने में बहुत भयानक है, लेकिन ये सदा शुभ फल ही देनेवाली हैं । इसलिए इनका नाम शुंभकरी भी है । मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश और ग्रह बाधाओं को दूर करनेवाली हैं ।
आरती देवी कालरात्रि जी की (हिन्दी में)
कालरात्रि जय-जय महाकाली ।
काल के मुंह से बचानेवाली ।।
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतारा ।।
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ।।
खड्ग खप्पर रखनेवाली ।
दुष्टों का लहू चखनेवाली ।।
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ।।
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ।।
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुख ना ।।
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ।।
उस पर कभी कष्ट ना आवे ।
महाकाली मां जिसे बचावे ।।
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि मां तेरी जय ।।
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