Thursday, 24 December 2015
1 करोड़ लूटनेवाले 3 पुलिस कर्मीसाहित 5 गिरफ्तार
फिल्मी स्टाइल में 1 करोड़ लूटने वाले 3 पुलिसकर्मी समेत 5 गिरफ्तार
टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Dec 24, 2015, 01.31PM IST
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मुंबई
मंगलवार को कर्नाटक के एक व्यापारी का अपहरण करने और उसके पास से 1 करोड़ रुपये लूटने के एक मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में 2 पुलिस सब इंस्पेक्टर और एक कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं।
तीनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन में बंद किया गया है। सहायक पुलिस कमिश्नर शिवाजी उमप ने बताया कि इस बेहद शातिराना तरीके से किए गए अपराध में अपनी-अपनी भूमिका निभाने के एवज में इन तीनों पुलिसकर्मियों ने 14-14 लाख रुपये का हिस्सा लिया।
इन तीनों ने 2 अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कथित तौर पर मुहम्मद सलीम काजिया का अपहरण किया। पहले इन आरोपियों ने काजिया को हवाला के एक मामले में आरोपी बताकर मैसूर की एक बस से गिरफ्तार किया और फिर उसे एक सुनसान जगह पर ले गए। वहां आरोपियों ने काजिया के पास से 1 करोड़ रुपये लूटे और फिर बंदूक का डर दिखाकर उसे भागने पर मजबूर किया।
तीनों पुलिसकर्मियों की पहचान सब इंसपेक्टर पंकज खैरनार व नीतीश चंदनशिवे और कॉनस्टेबल जर्नादन राजे के तौर पर की गई है। पुलिस ने इस मामले में फिलहाल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं 5 अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। इनमें काजिया का पड़ोसी भी शामिल है। काजिया के पड़ोसी ने ही इस अपराध की योजना बनाई। उसे पता चला था कि काजिया पैसे का बड़ा लेन-देन करने वाले हैं।
48 साल के काजिया कर्नाटक के भटकल में रहते हैं। वह अक्सर अपने पैसे की वसूली के लिए मुंबई आते रहते हैं। भटकल में उनके पड़ोसी अल्ताफ को यह गलतफहमी थी कि काजिया हवाला के पैसों का लेन-देन करते हैं।
अल्ताफ ने अपने दोस्त अफसर के साथ मिलकर सोचा कि अगर काजिया को लूटा जाए तो वह पुलिस से संपर्क नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें लगता था कि काजिया हवाला के कारोबार में शामिल हैं। अफसर एक क्रिकेट कोच है। पुलिस ने बताया कि अफसर ने मुंबई में रहने वाले बलराज उदय के साथ अपनी योजना साझा की और उसे भी इसमें शामिल कर लिया।
उदय की पहचान कॉन्स्टेबल राजे से थी। उसने राजे को काजिया के बारे में बताया। उसने बताया कि काजिया हवाला का अपना पैसा मुंबई से लेने वाला है। राजे ने कथित तौर पर सब इंस्पेक्टर खैरनार और चंदनशिवे से इस मामले में संपर्क किया। काजिया को निशाना बनाने के लिए सभी आरोपियों ने मिलकर एक योजना बनाई। 20 दिसंबर को काजिया ने माहिम स्थित अपने एक बिजनस सहयोगी से 1 करोड़ रुपये लिए और वहां से उन्होंने भिंडी बाजार जाकर मैसूर जाने वाली एक एसी बस में अपना रिजर्वेशन कराया।
अल्ताफ, अफसर और 3 अन्य आरोपियों ने काजिया का टैक्सी से चेंबूर तक पीछा किया। बस यहीं से मैसूर के लिए निकलने वाली थी। काजिया बस में बैठकर मैसूर के लिए निकल गए। बस वाशी टोल नाका होकर सफर पर निकल गई। पांचों आरोपी लगातार तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों के साथ संपर्क में थे।
पुलिस के मुताबिक, रास्ते में बस एक जगह रुकी। वहां कामराज बस में चढ़ गया। तीनों पुलिसकर्मियों ने बस का पीछा किया और राजे व कामराज ने काजिया को बस से उतरने पर मजबूर किया। तीनों पुलिसकर्मियों व अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर काजिया से कहा कि वे क्राइम ब्रांच के अधिकारी हैं। उन्होंने काजिया को हवाला का लेनदेन करने के आरोप में गिरफ्तार करने का नाटक किया। उन्होंने काजिया को बस से उतारकर अपनी गाड़ी में बिठाया और उसका पैसे से भरा बैग छीन लिया। आरोपी फिर गाड़ी को एक सुनसान जगह पर ले गए और बंदूक का डर दिखाकर काजिया को भागने का निर्देश दिया। काजिया के वहां से चले जाने के बाद आरोपी भी फरार हो गए।
काजिया ने इस मामले की शिकायत उरन पुलिस से की। पुलिस ने वाशी पुलिस को इस मामले की तहकीकात करने को कहा। जांच टीम ने टोल पर लगे सीसीटीवी को देखकर बस का पीछा कर रही टैक्सी को पहचाना। इसी टैक्सी से पुलिस आरोपी राजू कोहली, अल्ताफ और उदय तक पहुंची।
पूछताछ के दौरान उदय ने सारा सच उगल लिया। इसके बाद पुलिस ने तीनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया। पुलिसकर्मियों ने जहां 14-14 लाख रुपये लिए, वहीं उदय ने 5 लाख और टैक्सीचालक स्वामी ने 50,000 रुपये लिए। अल्ताफ और अफसर 45.5 लाख रुपये के साथ भाग गए। वहीं कामराज को 1 लाख रुपये मिले। एक अन्य टैक्सी चालक को 6 लाख रुपये का हिस्सा मिला। पुलिस अल्ताफ, अफसर, कामराज, ड्राइवर और एक अन्य आरोपी की तलाश है।
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